आईआईटी-एम छात्रों ने सतर्कता अधिकारियों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, डीन ने किया खारिज
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 3, 2018 11:44 AM2018-12-03T11:44:17+5:302018-12-03T11:46:23+5:30
छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राओं का आरोप है कि अधिकारी कमरों में आते हैं, अपमानित करते हैं और बिना सहमति के तस्वीरें खींचते हैं।
आईआईटी मद्रास के अनेक शोधछात्रों और छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों ने उनके कमरों के निरीक्षण के दौरान सतर्कता अधिकारियों द्वारा निजता का उल्लंघन करने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। डीन ने इस आरोप को खारिज किया है।
छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राओं का आरोप है कि अधिकारी कमरों में आते हैं, अपमानित करते हैं और बिना सहमति के तस्वीरें खींचते हैं। उनका बर्ताव विद्यार्थियों के निजता और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करने वाला है।
डीन (छात्र कल्याण) एम एस शिवकुमार ने कहा कि उन्हें छात्रों से शिकायतें मिली हैं और सतर्कता अधिकारियों को इस बारे में अवगत करा दिया गया है तथा उनसे तस्वीरें नहीं लेने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि आरोपों से पूरी तस्वीर साफ नहीं होती और कमरों के निरीक्षण पूर्व-सैनिकों द्वारा किये जाते हैं जिन्हें इस तरह के मुद्दों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
शिवकुमार ने पीटीआई से कहा, ‘‘सतर्कता अधिकारियों को छात्रावास नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करने और किसी तरह के उल्लंघन की जांच करने का काम सौंपा जाता है। हमें नहीं पता कि हम इसे उत्पीड़न कहेंगे या क्रियान्वयन।’’
नाम जाहिर नहीं होने के अनुरोध के साथ एक शोधछात्रा ने आरोप लगाया कि सतर्कता अधिकारी कमरों में घुसे चले आते हैं, सामान बाहर निकालते हैं और अपनी पसंद से उनके नाम बोलते हैं।
उसने कहा, ‘‘हम सभी बालिग हैं। हमारे लिए इस तरह का अनुभव बहुत अशोभनीय है। हमारे पास बहुत सा सामान ऐसा हो सकता है जो हम दूसरों को नहीं दिखाना चाहते। जरूरी नहीं कि इसमें प्रतिबंधित चीजें ही हों। यह हमारी निजता और गरिमा के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।’’