IAS Sanjeev Hans: अधिकारी संजीव हंस ने बेउर जेल तो राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव ने तिहाड़ जेल में रात काटी, देर रात पटना से ईडी ने किया था गिरफ्तार?
By एस पी सिन्हा | Published: October 19, 2024 03:23 PM2024-10-19T15:23:45+5:302024-10-19T15:24:44+5:30
IAS Sanjeev Hans: संजीव बिहार कैडर के पहले आईएएस अधिकारी हैं, जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद रात में ही कोर्ट में संजीव हंस की पेशी हुई।
IAS Sanjeev Hans:बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी व कुछ समय पहले तक ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहे संजीव हंस हवालात पहुंच गए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुक्रवार की देर रात ईडी ने संजीव हंस को उनके पटना स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार की रात में 12:30 बजे उन्हें बेउर जेल के अंदर भेजा गया और जानकारी के अनुसार उनको आमद वार्ड में रखा गया है। इस तरह संजीव हंस की बेउर जेल और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव की तिहाड़ जेल में रात काटी। ईडी ने शुक्रवार को संजीव हंस को पटना से तो गुलाब यादव को दिल्ली में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। संजीव बिहार कैडर के पहले आईएएस अधिकारी हैं, जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद रात में ही कोर्ट में संजीव हंस की पेशी हुई।
कोर्ट ने संजीव हंस को अगले 11 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अब अगले 29 अक्टूबर तक अब संजीव हंस जेल में ही रहेंगे। ईडी के मुताबिक संजीव हंस ने मोहाली और कसौली में करोड़ों की बेनामी संपत्ति खरीदी है। संजीव हंस ने पंजाब के मोहाली में जमीन का एक बड़ा प्लॉट और हिमाचल के मोहाली के कसौली में चार आलीशान विला खरीदे हैं, जिसे बेनामी संपत्ति बताया गया है।
बता दें की आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जुलाई महीने में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर उनके पटना झंझारपुर दरभंगा पुणे मुंबई के ठिकानों समेत कुल 21 स्थान पर एक साथ छापा मारा था।
ईडी की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने भी हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। विशेष निगरानी की कार्रवाई के आधार पर ईडी ने कुछ दिन पहले ही आईएएस अधिकारी संजीव हंस व पूर्व विधायक गुलाब यादव, हंस की पत्नी समेत अन्य के खिलाफ नए सिरे से मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था।
दोनों के ऊपर आय से अधिक संपत्ति बनाने, यौन शोषण और हवाला से पैसे ट्रांसफर करने जैसे कई संगीन आरोप हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनी से रिश्वत में रिसार्ट खरीदने तथा मर्सिडीज लेने के मामले में संजीव हंस ईडी के रडार पर आये थे। संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव पद पर थे। उनके काले कारनामों की हकीकत जब सामने आने लगी तो एक के बाद एक करके कई खुलासे होने लगे थे।
दरअसल, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के केस के इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 2017 में एक महिला अधिवक्ता से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया। इसमें पूर्व विधायक गुलाब यादव और इस संजीव हंस पर गंभीर आरोप लगाए गए। महिला ने अबॉर्शन करने का भी आरोप लगाया था।
इसके बाद वर्ष 2018 में उक्त महिला वकील को एक बेटा हुआ तो महिला ने दावा किया कि बेटा इस आईएएस संजीव हंस का है। फिर क्या था यह मामला सुर्खियों में आ गया। वर्ष 2022 में उक्त महिला ने पटना पुलिस को आवेदन दिया, लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद आरोप लगाने वाली महिला कोर्ट गई और कोर्ट के आदेश पर 2023 में पटना के रूपसपुर थाने में केस दर्ज कराया गया। इसके बाद पटना एसएसपी की 17 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट में महिला के आरोपी को सही पाया गया।