बिहार में बढ़ी हनीमून किडनैपिंग, घर वापस आने पर प्रेमी-प्रेमिका हो जाते हैं शादीशुदा, पुलिस परेशान
By एस पी सिन्हा | Published: July 15, 2019 06:51 PM2019-07-15T18:51:24+5:302019-07-15T18:51:49+5:30
प्रेम प्रसंग या शादी की नीयत से अपहरण के ज्यादातर मामलों में लड़का-लड़की शहर, जिला या राज्य को छोड़ बाहर निकल जाते हैं. पुलिस पहले गुमशुदा का मामला दर्ज करती है. जिसके बाद इसे अपहरण के मामले में बदल लिया जाता है.
बिहार में इन दिनों हनीमून किडनैपिंग ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है. सूत्रों के अनुसार सूबे में लव वर्ड्स की बगावत बढ़ रही है. जबकि बेटी को वापस पाने के लिए परिवार वाले थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराते हैं. गंभीर मामला मान पुलिस जब कार्रवाई करती है तो लड़की को खोजने के लिए दूसरे जिले और दूसरे राज्यों में भी जानी पड़ती है.
वहीं, परिवार और पुलिस की परेशानी के बाद जब लड़की वापस आती है तो साथ इनके प्रेमी से बना पति भी होता है. बेटी अपहरण से इंकार करती है और कोर्ट में 164 के बयान में अपने प्रेमी सह पति के साथ रहने की बात भी स्वीकार करती है. पुलिस की परेशानी इस लिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इसे अपराध की श्रेणी में मान कर पड़ताल करनी पड़ती है.
प्रेम प्रसंग या शादी की नीयत से अपहरण के ज्यादातर मामलों में लड़का-लड़की शहर, जिला या राज्य को छोड़ बाहर निकल जाते हैं. पुलिस पहले गुमशुदा का मामला दर्ज करती है. जिसके बाद इसे अपहरण के मामले में बदल लिया जाता है. लड़का-लड़की के फरार होने के बाद दोनों के परिजन थाना पहुंचते हैं. एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं. जिससे मामला और पेचीदा हो जाता है. थाना पुलिस अगर कार्रवाई करने में थोडी सुस्त पड़ती है तो लड़की पक्ष के लोग सीधे वरीय अधिकारियों के पास चले जाते हैं. उपरी दबाव व हंगामे के बाद पुलिस की परेशानी और बढ़ जाती है.
बताया जाता है कि थाना में जो भी मामले दर्ज हो रहे हैं. उसमें गायब लड़कियों की उम्र को देखें तो ज्यादातर मामले में लड़की की उम्र 15 से 25 वर्ष की होती है. इसमें 40 प्रतिशत की उम्र 15 से 25 साल की होती है. 30 साल से अधिक उम्र के लड़के-लड़की इसमें कम शामिल होते हैं. ऐसे में पुलिस के लिए यह एक नई चुनौती के रूप में ऐसे मामले प्राय: आने लगे हैं. अवकाश प्राप्त आईपीएस अधिकारी नवीन चन्द्र मिश्रा बताते है कि यह ट्रेंड नब्बे के दशक के बाद ज्यादा बढा है. पहले ऐसे मामले इक्का-दुक्का सामने आते थे. लेकिन अब ऐसे मामलों की मानों बाढ सी आ गई है. यह पुलिस के लिए एक नई चुनौती के रूप में सामने आई है. उन्होंने बताया कि प्रेम के चक्कर में नाबालिग छात्राएं भी ज्यादा पड़ रही हैं. पुलिस लड़की की बरामदी के लिए लगातार छापेमारी करती है.