हेड कॉन्स्टेबल सहित 4 लोग हनी ट्रैपिंग केस में गिरफ्तार, महिला दोस्त के सहारे ऐसे फांसते थे लोगों को अपने जाल में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 18, 2019 07:00 PM2019-04-18T19:00:18+5:302019-04-18T19:00:18+5:30
गैंग की महिला अमीर लोगों को फंसाती थी। उसके बाद उन लोगों को अपनी तस्वीरें भेज कर दोस्ती बढाती थी। गिरोह के लोग महिला के साथ पीड़ितों की आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो बना लेते थे और बाद में ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते थे।
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार(17 अप्रैल) को पीएसी हेड कॉन्स्टेबल सहित चार लोगों को पुलिस ने हनी ट्रैपिंग के केस में गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। यह गैंग मिलकर अमीर लोगों को तलाश कर उन्हें हनी ट्रैप में फंसाता था और उनसे लाखों रुपये वसूल करता था।
गिरोह इस तरीके से लोगों को बनाता था अपना शिकार
आरोपियों की पहचान गिरोह का सरगना विजय सिंह चीमा (45), अरुण कुमार (33) उनकी लीव-इन पार्टनर सीमा सिरोही (35) और पुष्पेन्द्र नारायण (32) के तौर पर हुई है। पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक वैभव कृष्णा ने बताया कि महिला अमीर लोगों को फंसाती थी। उसके बाद उन लोगों को अपनी तस्वीरें भेज कर दोस्ती बढ़ाती थी। मेलजोल बढ़ने पर वह पीड़ितों को घर बुलाती थी और गिरोह के लोग महिला के साथ पीड़ितों की आपत्तिजनक स्थिति में वीडियो बना लेते थे। महिला पीड़ितों को वीडियो दिखा कर ब्लैकमेल करती थी और मोटी रकम वसूल करती थी।
पुलिस ने आरोपियों से वसूली मोटी रकम
पुलिस ने आरोपियों से करीब तीन लाख रुपये, आइडी और सेंट्रो कार बरामद की है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दादरी पुलिस स्टेशन में धारा 384 (जबरन वसूली की सजा), 389 (जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को अपराध का आरोप लगाने के भय में डालना), 171(कपटपूर्ण आशय से लोक सेवक के उपयोग की पोशाक पहनना या निशानी को धारण करना), 419(प्रतिरूपण द्वारा छल के लिए दण्ड), 420(धोखाधड़ी), 467( मूल्यवान प्रतिभूति, वसीयत, इत्यादि की कूटरचना), 468(छल के प्रयोजन से कूटरचना),471(कूटरचित दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग में लाना) भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है।