जंगली हाथियों ने मचाया आतंक, तीन लोगों को कुचलकर मारा, 3 गंभीर रूप से घायल, पिछले दो साल में 13 का गई जान

By एस पी सिन्हा | Published: December 20, 2021 07:37 PM2021-12-20T19:37:13+5:302021-12-20T19:38:36+5:30

हाथियों के झुंड ने इतीज ठाकुर मोहल्ले में ईंट भट्ठा में काम कर सो रहे मजदूरों की झोपड़ी पर हमला कर दिया.

Hazaribagh Wild elephants terror three people crushed death 3 seriously injured 13 lost lives last two years | जंगली हाथियों ने मचाया आतंक, तीन लोगों को कुचलकर मारा, 3 गंभीर रूप से घायल, पिछले दो साल में 13 का गई जान

हाथियों के कुचलने से रोहणी देवी, पुत्र मुकेश कुमार, पुत्री सुंदरी कुमारी की मौत घटनास्थल पर ही हो गई.

Highlightsझोपड़ी उजड़ते ही मजदूर भागने लगे.प्राथमिक उपचार केरेडारी सीएचसी में किया गया.रामबृक्ष राम सिंह व दो अन्य बच्चे बुरी तरह से घायल हैं.

रांचीः झारखंड में एकबार फिर से हाथियों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है. इसी कडी में हजारीबाग जिले के केरेडारी बडकागांव सीमांत क्षेत्र में जंगली हाथियों के झुंड ने ईंट भट्ठा में काम कर सो रहे मजदूरों की झोपड़ी पर हमला कर आधा दर्जन से अधिक लोगों को रौंद डाला, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई, जबिक तीन लोग घायल हैं.

 

 

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग भेज दिया है. ऐसे में हजारीबाग में हाथियों के आतंक से लोग आतंकित हैं. क्षेत्र में आये दिन हाथियों द्वारा हर महीने घटना को अंजाम दिया जाता रहा है. हाथियों के झुंड ने इतीज ठाकुर मोहल्ले में ईंट भट्ठा में काम कर सो रहे मजदूरों की झोपड़ी पर हमला कर दिया.

झोपड़ी उजड़ते ही मजदूर भागने लगे. भागने के दौरान हाथियों ने रोहणी देवी (40 वर्ष), पुत्र मुकेश कुमार (12 वर्ष), पुत्री सुंदरी कुमारी (10 वर्ष), पिता रामवृक्ष राम सिंह (45 वर्ष) समेत दो अन्य बच्चे को अपनी चपेट में ले लिया. हाथियों के कुचलने से रोहणी देवी, पुत्र मुकेश कुमार, पुत्री सुंदरी कुमारी की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि रामबृक्ष राम सिंह व दो अन्य बच्चे बुरी तरह से घायल हैं.

इनका प्राथमिक उपचार केरेडारी सीएचसी में किया गया. इसके बाद घायलों को बेहतर इलाज के लिए सीएचसी प्रभारी डॉ कुमार संजीव ने हजारीबाग रेफर कर दिया. घटना रविवार मध्य रात्रि की है. हादसे में घायल रामबृक्ष राम सिंह ने बताया है कि ईंट भट्ठा में ईंट बनाने का काम करते हैं. रमन गंझू के भट्ठा में ईंट बना रहे थे. यहां 8-10 मजदूर काम करते हैं, जो झोपडी बना कर रहते हैं.

सभी लोग रविवार शाम में काम कर सो रहे थे. सोने के दौरान मध्य रात्रि में हाथी भट्ठा पर आ पहुंचे और मजदूरों की झोपड़ी को तोड़ने लगे. झोपड़ी गिरते ही सभी भाग गए. भागने के दौरान पत्नी व दो बच्चों को हाथियों ने कुचल कर मार डाला. वे और दो अन्य बच्चे हाथियों के झुंड से भाग कर जान बचा पाये. बताया जाता है कि हाथियों का झुंड केरेडारी के मनातू व लाजीदाग होते हुए कंडबेर के इतीज जंगल पहुंचे थे.

यहां उल्लेखनीय है कि पिछले दो साल में 13 व्यक्तियों समेत दर्जनों मवेशियों को अपनी चपेट में लिया. जबकि क्षेत्र में करोड़ों रुपये की फसल को नष्ट कर दिया है. वहीं वन कर्मियों ने बताया कि फिलहाल हाथियों का कॉरिडोर जंगल ही है.

बड़कागांव वन क्षेत्र के गाली ब्लोदर, गोंदलपुरा, जोरा काठ, चरही, चुरचू, शीला जंगल, केरेडारी, हेन्डेगीर, इसको इंदिरा, महोदी पहाड़ आदि क्षेत्र के जंगल ही हाथियों का कॉरिडोर है. वन कर्मियों ने यह भी बताया कि मरने वालों के लिए चार लाख, गंभीर रूप से घायलों के लिए एक लाख, साधारण रूप से घायल व्यक्ति के लिए 15,000 रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है.

उन्होंने कहा कि जंगलों की अधिक मात्रा में कटाई होने के कारण हाथी जंगल छोड़ गांव की ओर आ जाते हैं. उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि हाथियों को ना छेड़ें. हाथी जिधर जाना चाहते हैं, उन्हें शांतिपूर्वक जाने दें. हो-हल्ला ना करें. 

Web Title: Hazaribagh Wild elephants terror three people crushed death 3 seriously injured 13 lost lives last two years

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