पहले घर में बनाया टाइमर बम फिर मोबाइल की दुकान में किया ब्लास्ट, गुजरात में पुलिस ने एक महिला सहित तीन लोगों को किया गिरफ्तार
By अंजली चौहान | Published: April 14, 2023 01:29 PM2023-04-14T13:29:23+5:302023-04-14T13:30:39+5:30
शुरुआती जांच में यह मामला शॉर्ट सर्किट का लग रहा था। जिसके कारण दुकान में आग लग गई थी और लाखों का नुकसान हो गया था।

फाइल फोटो
राजकोट: गुजरात के राजकोट में एक मोबाइल एसेसरीज की दुकान में विस्फोट के बाद आग लगने से बड़ा हादसा हो गया। इस मामले में पुलिस ने जांच की तो पाया कि धमाका टाइमर बम से किया गया था।
इस मामले में एक महिला के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसने 6 अप्रैल को विस्फोट हुआ था। पुलिस के मुताबिक, हमले की वजह दो मोबाइल दुकानदारों के बीच कारोबारी रंजिश बताई जा रही है।
शुरुआती जांच में यह मामला शॉर्ट सर्किट का लग रहा था। जिसके कारण दुकान में आग लग गई थी और लाखों का नुकसान हो गया था। हालांकि, पुलिस ने जब मामले की जांच की थी तो राजकोट पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से पाया कि विस्फोट एक खिलौना कार के अंदर छिपे टाइमर बम से हुआ था।
राजकोट अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) भरत बसिया ने कहा, "हमने प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर बम लगाकर दुकान को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।"
एसीपी ने कहा कि आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 436, 286 और 120 बी और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 3, 5 और 6 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
कैसे बनाया था हाथ से बम?
गिरफ्तार तीनों आरोपियों की पहचान राजकोट में मोबाइव एसेसरीज की दुकान चलाने वाले कालाराम उर्फ कल्पेश चौधरी और बम लगाने वाली महिला डोली के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, कल्पेश और श्रवण ने मोबाइल बैटरी, बिजली के तार, घड़ी और पटाखे से गोला-बारूद का इस्तेमाल कर टाइमर बम बनाया। दोनों ने टाइमर बम बनाने के लिए ऑनलाइन वीडियो का सहारा लिया था और घटना को अंजाम दिया था।
दुकान पर कब्जा करने के लिए घटना को दिया अंजाम
जानकारी के अनुसार, सात अप्रैल को भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में मोबाइल की दुकान चलाने वाले भावाराम चौधरी ने शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के अनुसार 6 अप्रैल को एक महिला दुकान में मोबाइल से संबंधित सामान लेने आई थी और साथ में एक पैकेज लाई जिसे वह लेकर नहीं गई और बाद में उसमें ब्लास्ट हो गया। इसके बाद मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने जांच की तो सभी आरोपियों की पहचान हो गई।
जानकारी के अनुसार, आरोपी कल्पेश और पीड़ित दुकानदार के बीच व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता होने के कारण ही उसने इस घटना को अंजाम दिया। दोनों राजस्थान से हैं और एक ही व्यक्ति के स्वामित्व वाली किराए की दुकान पर अपने मोबाइल एक्सेसरीज का व्यवसाय चलाते हैं।
भावाराम का कहना है कि किराए की दुकान पर कब्जा करने की कोशिश की में कल्पेश से इस घटना को अंजाम दिया है।