गोरखपुरः 30 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल चलाने के आरोप में 12वीं कक्षा तक पढ़ा झोलाछाप चिकित्सक अरेस्ट, प्रशासन ने की कार्रवाई, सत्यम अस्पताल सील

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 8, 2023 09:54 PM2023-01-08T21:54:23+5:302023-01-08T21:55:17+5:30

गोरखपुरः अस्पताल के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब जैनपुर निवासी गर्भवती सोनावत देवी (30) की मंगलवार को अस्पताल में मौत हो गई। गर्भवती महिला को गुलरिहा इलाके के सत्यम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

Gorakhpur death 30-year old pregnant woman quack doctor arrest till class 12 running private hospital administration took action Satyam Hospital sealed | गोरखपुरः 30 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल चलाने के आरोप में 12वीं कक्षा तक पढ़ा झोलाछाप चिकित्सक अरेस्ट, प्रशासन ने की कार्रवाई, सत्यम अस्पताल सील

वैध चिकित्सकों के नाम के पर्चे पैड पर मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श और उपचार देकर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा था।

Highlightsधारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 419 और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।रंजीत निषाद केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ा है और अस्पताल चला रहा था। वैध चिकित्सकों के नाम के पर्चे पैड पर मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श और उपचार देकर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा था।

गोरखपुरः गोरखपुर जिले के गुलरिहा थाना इलाके में पुलिस ने एक गर्भवती महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल चलाने के आरोप में एक झोलाछाप चिकित्सक को गिरफ्तार किया है। स्थानीय प्रशासन ने अस्पताल को भी सील कर दिया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।

अस्पताल के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब जैनपुर निवासी गर्भवती सोनावत देवी (30) की मंगलवार को अस्पताल में मौत हो गई। गर्भवती महिला को गुलरिहा इलाके के सत्यम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने मृतका के पति की तहरीर पर अस्पताल प्रबंधक रंजीत निषाद के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 419 और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।

पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि रंजीत निषाद केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ा है और अस्पताल चला रहा था। पुलिस के मुताबिक सत्यम अस्पताल का पंजीकरण उन डॉक्टरों के प्रमाणपत्रों के आधार पर किया गया जो मरीजों के इलाज के लिए वहां कभी नहीं आए।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गौरव ग्रोवर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ''सत्यम अस्पताल पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से चल रहा था और अस्पताल का संचालक रंजीत निषाद बिना किसी कानूनी डिग्री के वैध चिकित्सकों के नाम के पर्चे पैड पर मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श और उपचार देकर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा था।''

उन्होंने कहा कि रंजीत निषाद की लापरवाही के चलते मंगलवार को एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। पुलिस ने यह भी पाया कि निषाद पहले एक ही अस्पताल को दो अलग-अलग नामों से संचालित करता था। एसएसपी ने कहा कि अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कदाचार के लिए दोनों बार बंद कर दिया गया था, लेकिन निषाद ने बदले नाम के साथ फिर से अस्पताल खोल लिया।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई है और पुलिस ने उनके खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई करने के लिए मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र लिखा है। ग्रोवर ने बताया कि आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा और उसकी संपत्ति कुर्क करने के लिए जिलाधिकारी से अपील की जाएगी।

एसएसपी ने सीएमओ को पत्र लिखकर पंजीकृत अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर आदि की जानकारी मीडिया के माध्यम से लोगों को देने का अनुरोध किया है ताकि अवैध संस्थानों की पहचान की जा सके और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

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