Gopalganj Police: ₹850 करोड़ के 50 ग्राम रेडियोएक्टिव कैलिफोर्नियम, तीन अरेस्ट, कहां होता है इस्तेमाल
By एस पी सिन्हा | Published: August 9, 2024 06:49 PM2024-08-09T18:49:12+5:302024-08-09T18:51:23+5:30
Gopalganj Police: गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा है कि जब्त रेडियो एक्टिव पदार्थ की जांच आईआईटी मद्रास से कराने के लिए संपर्क किया गया है।
पटनाः बिहार के गोपालगंज जिले में पुलिस ने ₹850 करोड़ के कैलिफोर्नियम पदार्थ के साथ तीन तस्कर को गिरफ्तार किया है। बरामद कैलिफोर्नियम का वजन महज 50 ग्राम है। पुलिस ने गुप्त सूचना पर इन तस्करों को पकड़ने के लिए कुचायकोट थाना क्षेत्र के बल्थरी चेकपोस्ट पर नाकेबंदी की थी। इसी दौरान 50 ग्राम बहुमूल्य रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम के साथ तीनों स्मगलर धर दबोचे गए। इस सामान की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब ₹850 करोड़ आंकी गई है। गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा है कि जब्त रेडियो एक्टिव पदार्थ की जांच आईआईटी मद्रास से कराने के लिए संपर्क किया गया है।
इसे गुजरात से तस्करी कर लाया जा रहा था। गिरफ्तार तस्करों में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला के तमकुही राज थाना क्षेत्र के परसौनी बुजुर्ग निवासी चंद्रदेव प्रसाद के पुत्र छोटेलाल प्रसाद, गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के कौशल्या चौक निवासी योगेंद्र शाह के पुत्र चंदन गुप्ता और महम्मदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर मठिया निवासी हरेंद्र राम के पुत्र चंदन राम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पुडुचेरी पुलिस से संपर्क किया गया है और लगभग 50 ग्राम वजनी कैलिफोर्नियम की जब्ती के बारे में बताया गया है। एसपी ने कहा कि अगर इंटरनेट और अन्य स्रोतों पर उपलब्ध जानकारी को संकेत माना जाए तो खेप की कीमत लगभग ₹850 करोड़ आंकी गई है। रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलीफोर्नियम का इस्तेमाल किस रूप में किया जाना था, इसका खुलासा नहीं हो सका है।
पुलिस की टीम इसकी जांच कर रही है। स्वर्ण प्रभात ने बताया कि एसटीएफ, एसओजी 7, डीआईयू और कुचायकोट थाने की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता हाथ लगी है। बता दें कि कैलिफोर्नियम एक रेडियोएक्टिव धातु है और एक बहुत ही शक्तिशाली न्यूट्रॉन उत्सर्जक है।
इसका उपयोग पोर्टेबल मेटल डिटेक्टरों में, सोने और चांदी के अयस्कों की पहचान करने, तेल के कुओं में पानी और तेल की परतों की पहचान करने और हवाई जहाजों में धातु की थकान और तनाव का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह मानव शरीर को भी प्रभावित करता है और लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।