पुलिस को चकमा देकर गाजीपुर का मुख्य आरोपी अर्जुन ने किया सरेंडर, कहा- बीजेपी विधायक ने फंसाया

By पल्लवी कुमारी | Published: January 7, 2019 10:14 PM2019-01-07T22:14:00+5:302019-01-07T22:14:00+5:30

गाजीपुर की यह घटना बुलंदशहर जिले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के लगभग एक महीने बाद हुई थी।

ghazipur violence main accused surrendered in railway court | पुलिस को चकमा देकर गाजीपुर का मुख्य आरोपी अर्जुन ने किया सरेंडर, कहा- बीजेपी विधायक ने फंसाया

पुलिस को चकमा देकर गाजीपुर का मुख्य आरोपी अर्जुन ने किया सरेंडर, कहा- बीजेपी विधायक ने फंसाया

उत्तर प्रदेश  के गाजीपुर में पथराव के दौरान पुलिसकर्मी की मौत के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी अर्जुन कश्यप ने सोमवार को अपर मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट (पूर्वोत्तर रेलवे) विजय सिंह की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लेकिन इसमें सबसे हैरानी वाली बात यह है कि आरोपी अर्जुन कश्यप ने   पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर किया। 

निषाद पार्टी का महासचिव अर्जुन कश्यप 29 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद से ही फरार चल रहा था। जिसके बाद पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। बताया जा रहा है कि रेलवे मैजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जुन कश्यप ने एक पुराने मामले में अपनी जमानत खत्म कराकर सरेंडर किया है, जिसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेजने के आदेश दिया है। 

कोर्ट से बाहर आते हुए अर्जुन ने बलिया सदर सीट से बीजेपी विधायक पर फंसाने का आरोप लगाया। अर्जुन कश्यप ने चार दिन पहले बयान देकर कहा था कि जो घटना हुई है उसके जिम्मेदार बीजेपी के लोग हैं। बीजेपी सत्ता में है और उनके ही लोगों ने बवाल कराया था। उसने कहा कि हो सकता है हमारे लोगों ने बाद में पथराव किया हो, लेकिन पुलिसकर्मी पर पत्थर नहीं फेंका गया। अगर कानूनी तौर पर मैं मुख्य अपराधी माना जाता हूं तो मैं खुद सरेंडर कर दूंगा। 

घटना के पहले निषाद पार्टी के महासचिव और यूपी पुलिस के झड़प 

द रिपब्लिक ने गाजीपुर वाली घटना के कुछ समय के पहले का एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि निषाद पार्टी के महासचिव का यूपी पुलिस के झड़प हो रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को स्थानीय प्रशासन की नाकामी करार देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की रैली की वजह से प्रशासन और पूरे खुफिया विभाग को पता था कि कहां पर किसका धरना-प्रदर्शन होने वाला है, मगर इसके बावजूद यह दुखद घटना घट गयी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसकी आड़ में निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है। मालूम हो कि गाजीपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में जाने से रोके जाने से नाराज लोगों द्वारा किए गए पथराव में हेड कांस्टेबल वत्स की मृत्यु हो गयी थी।

सीएम योगी ने पुलिसकर्मी के परिजन को 40 लाख रूपये देने का किया ऐलान 

जिला पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस तथा प्रशासन ने प्रधानमंत्री की रैली में जाने से रोका था। इससे नाराज होकर उन्होंने जगह-जगह रास्ता जाम कर दिया और रैली से लौटने वाले वाहनों पर पथराव किया। इस दौरान जाम खुलवाने गये हेड कांस्टेबल सुरेश वत्स (48) के सिर पर पत्थर लगने से उसकी मौत हो गयी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत पुलिसकर्मी के परिजन को 40 लाख रूपये और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये की सहायता का ऐलान करते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।

क्या था पूरा मामला

हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप सिंह वत्स (48) 29 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक जनसभा कार्यक्रम से वापस लौट रहे थे। रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने वाहनों पर पथराव कर दिया। जब वह प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाये गए जाम को समाप्त कराने के लिए उतरे तो उनके सिर पर एक पत्थर लगा जिससे उनकी मौत हो गई। उनकी हत्या के सिलसिले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।  एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी उस भीड़ का हिस्सा थे, जिन्होंने पुलिस पर पथराव किया और उन पर लाठियों से हमला किया था। 

गाजीपुर की यह घटना बुलंदशहर जिले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के लगभग एक महीने बाद हुई थी। सुबोध कुमार सिंह को कथित गोकशी को लेकर भीड़ द्वारा हिंसा के बीच गोली मार दी गई थी। उन्हें कथित रूप से गोली मारने वाले व्यक्ति को गत सप्ताह गिरफ्तार किया गया था।

Web Title: ghazipur violence main accused surrendered in railway court

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