ट्रांसफर के बाद अब जांच का शिकंजा, गया के आईजी, एसएसपी और जिलाधिकारी रहे अफसरों के खिलाफ जांच में जुटी एसवीयू
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2022 06:17 PM2022-02-08T18:17:05+5:302022-02-08T18:17:05+5:30
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने गया के पूर्व आईजी, एसएसपी और डीएम के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
पटना: शराब मामले में ढीली कार्रवाई समेत अन्य मामलों के चक्कर में नप चुके मगध प्रक्षेत्र के आईजी अमित लोढा, गया के एसएसपी आदित्य कुमार और गया के तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक कुमार के खिलाफ एसवीयू ने अपनी जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने इन आला अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों की मानें तो जांच के लिए एसवीयू की दो टीमों का गठन किया गया है। दोनों टीमों ने गया का दौरा कर लिया है और जांच के क्रम में एसवीयू को गया के तत्कालीन आईजी और एसएसपी के खिलाफ कई साक्ष्य भी मिले हैं। पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो भ्रष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति रखने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद एसवीयू ने इन आलाधिकारियों के विरुद्ध जांच शुरू की है।
सूत्रों के अनुसार अभिषेक कुमार ने गया में जिलाधिकारी रहते हुए भारी अनिमितता की है। आर्म्स लाइसेंस के आवंटन से लेकर अन्य मामलों में अभिषेक कुमार ने अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया है। जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर एसवीयू जल्द ही इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक इन आला अधिकारियों पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने में सुस्त रवैया के अलावा कई और अनिमितता के आरोप हैं, जिसकी जांच एसवीयू को करने का आदेश गृह विभाग की तरफ से करने को कहा गया है। गया में अनुसंधान के क्रम में इन दोनों टीमों को गया कि तत्कालीन आईजी और तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ कई साक्ष्य मिले हैं। जिसकी अब गहराई से जांच दल पड़ताल कर रही है।
वहीं, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गृह विभाग ने गया के तत्कालीन आईजी अमित लोढा और तत्कलीन एसएसपी आदित्य कुमार को मुख्यालय में अटैच कर लिया है। जबकि अभिषेक कुमार को बुडको के एमडी के पद से हटाते हुए बिहार राज्य योजना पर्षद में बतौर परामर्शी नियुक्त कर दिया है। इस मामले में विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैय्यर हसनैन खां और डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने जांच का हवाला देते हुए फिलहाल आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से इनकार किया है।