दलित नाबालिग से दुष्कर्म, आरोपी डीएसपी कमलकांत प्रसाद निलंबित, गिरफ्तारी वारंट जारी, इंसाफ की लड़ाई पत्नी ने लड़ी
By एस पी सिन्हा | Published: June 16, 2021 09:13 PM2021-06-16T21:13:37+5:302021-06-16T21:14:38+5:30
गया के पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय पर पदस्थापन के दौरान उनपर सरकारी आवास में दलित लड़की से दुष्कर्म किए जाने का आरोप है. इस संबंध में गया के महिला थाने में 27 मई 2021 को केस दर्ज किया गया था.
पटनाः बिहार के गया में बतौर डीएसपी (मुख्यालय) पदस्थापन के दौरान 4 साल पहले एक दलित एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपी कमलकांत प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी डीएसपी कमलाकांत प्रसाद विशेष सशस्त्र पुलिस-1 पटना में पदस्थापित हैं. इसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया गया है. गया के पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय पर पदस्थापन के दौरान उनपर सरकारी आवास में दलित लड़की से दुष्कर्म किए जाने का आरोप है. इस संबंध में गया के महिला थाने में 27 मई 2021 को केस दर्ज किया गया था.
डीएसपी की गिरफ्तारी का आदेश जारी
इसके बाद कमजोर वर्ग के आईजी डा. अनिल किशोर यादव ने इस केस का सुपरविजन किया. जिसमें मामला सही पाया गया. इसके बाद डीएसपी की गिरफ्तारी का आदेश जारी हुआ है. डीएसपी कमलाकांत प्रसाद की गिरफ्तारी आदेश के बाद आज गृह विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया.
एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज
गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक बक्सर जिले के रहने वले कमलाकांत प्रसाद ने गया में पदस्थान के दौरान अपने सरकारी आवास में जबर्दस्ती एक दलित नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया. इस घटना को लेकर महिला थाने में आईपीसी की धारा 376, 376ए, पोक्सो एक्ट और एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सरकारी आवास में दुष्कर्म
बिहार पुलिस के आईजी (मुख्यालय) ने गृह विभाग के सचिव जीतेंद्र कुमार श्रीवास्तव को पत्र भेजा था. इस पत्र में लिखा गया था कि सीनियर डीएसपी कमलकांत प्रसाद के खिलाफ गया के महिला थाना में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मुख्यालय के पत्र के मुताबिक पीड़ित लड़की ने कोर्ट में धारा 164 के तहत दिये गये बयान में कोर्ट को ये बताया है कि कमलकांत प्रसाद ने अपने सरकारी आवास में उसके साथ दुष्कर्म किया था. पुलिस मुख्यालय ये कह रहा है कि कमलकांत प्रसाद व्याभिचारी प्रवृति औऱ नैतिक पतन के प्रतीक हैं.
लिहाजा उनका पुलिस के जिम्मेवार पद पर बने रहना अनुचित है. 2017 में दशहरा के दौरान डीएसपी ने एक नाबालिग दलित लड़की को अपने घर पर घरेलू काम करने के लिए बुलाया था. इसी दौरान डीएसपी ने अपने सरकारी आवास में उक्त लड़की के साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद लड़की को धमकी दी गई कि उसने अगर ये बात किसी को बताई तो उसके पूरे परिवार को खत्म कर दिया जायेगा.
पुलिस ने रफा दफा करने की पूरी कोशिश की
डर से लडकी ने जुबान नहीं खोली. चार साल पहले हुए इस वाकये को गया पुलिस ने रफा दफा करने की पूरी कोशिश की. मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया. लड़की के परिजनों ने गया पुलिस के सामने गुहार लगाई, लेकिन कमलकांत प्रसाद का रुतबा इतना बड़ा था कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई औऱ ना ही कोई प्राथमिकी दर्ज हुई.
मामले में इंसाफ की लड़ाई डीएसपी कमलकांत प्रसाद की पत्नी ने लड़ी
वहीं, इस मामले में इंसाफ की लड़ाई डीएसपी कमलकांत प्रसाद की पत्नी ने लड़ी. पत्नी ने डीएसपी के काले कारनामों को अपने मोबाइल में कैद कर लिया था. उन्होंने देखा कि गया पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो बिहार पुलिस के कमजोर वर्ग के आईजी को पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने अपने पति के कुकृत्य का साक्ष्य उन्हें सौंपा.
बिहार पुलिस के कमजोर वर्ग शाखा के आईजी डा. अनिल किशोर यादव ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए गया के एसएसपी को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. उसके बाद गया के महिला थाने में 27 मई को केस दर्ज किया गया. केस दर्ज होन के बाद पीड़िता को गया के पॉक्सो जज की अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए ले जाया गया.
तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला था
कोर्ट में पीडित लडकी ने बताया कि कैसे डीएसपी ने उसके साथ हैवानियत की थी. प्राथमिकी के साथ साथ कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज होने के बावजूद कमलकांत प्रसाद की ना तो गिरफ्तारी हुई औऱ ना उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई थी. कुछ ही दिन पहले आरोपी डीएसपी कमलकांत प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की कवायद हुई.
पिछले दिनों गंभीर आरोपों के बावजूद मलाईदार जगहों पर तैनात रहने वाले डीएसपी कमलकांत प्रसाद को निलंबित करने की अनुशंसा की गई. राज्य पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को पत्र लिख कर डीएसपी कमलकांत प्रसाद को निलंबित करने की सिफारिश की. वहीं दुष्कर्म के आरोपी डीएसपी को लेकर तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला था.
तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार के जिला-जाति और भ्रष्टाचार के एजेंडे को ये डीएसपी अंजाम दे रहा था. लिहाजा उसके खिलाफ ऐसे संगीन आरोप होने के बावजूद कार्रवाई करने के बजाय मलाईदार जगह पर पोस्टिंग करके रखा गया. इसके बाद आज जाकर सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए उसे निलंबित कर दिया. अब उसपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, लेकिन वह फरार हो गया है.