रेल कंटेनर से गैस का रिसाव, कोई हताहत नहीं, भोपाल रेलवे स्टेशन पर हुआ हादसा
By भाषा | Published: May 9, 2020 03:55 PM2020-05-09T15:55:41+5:302020-05-09T15:55:41+5:30
भोपाल में गैस का रिसाव हुआ। लोग दहशत में आ गए। हालांकि समय रहते उस पर काबू कर लिया गया। लोगों ने कहा कि आंध्र प्रदेश में जो हुआ उसकी याद ताजा हो गई। आंध्र प्रदेश में 12 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए हैं।
भोपालः भोपाल रेलवे स्टेशन पर रसोई गैस (एलपीजी) का परिवहन करने वाली मालगाड़ी के एक कन्टेनर से शनिवार को गैस लीक हो गयी। हालांकि कुछ देर बाद ही इस पर काबू पा लिया गया और हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है।
भोपाल रेलवे मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्दीकी ने बताया कि यह कन्टेनर गाड़ी कोंकण से आकर भोपाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर बकानिया में एक तेल कंपनी के गैस बॉटलिंग प्लांट की ओर जा रही थी। जब यह गाड़ी भोपाल स्टेशन पर खड़ी थी तब इसके एक कन्टेनर से शनिवार सुबह लगभग 11 .30 बजे गैस का रिसाव होने लगा। इस पर तुरंत ही काबू पा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई।
दमकल नियंत्रण कक्ष ने बताया कि भोपाल स्टेशन पर एलपीजी के एक कन्टेनर से गैस का रिसाव होने पर लगभग पांच दमकल की गाड़ियां स्टेशन पर रवाना की गयी और दमकल कर्मियों ने आधे घंटे के भीतर कन्टेनर से गैस के रिसाव पर काबू पा लिया।
गैस रिसाव से प्रभावित गांव में स्थिति ‘समान्य’ : आंध्र प्रदेश सरकार
आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि आरआर वेंकटपुरम गांव में स्थिति अब “समान्य” है जहां एलजी पॉलीमर संयंत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव से 12 लोगों की जान चली गई थी और 300 से ज्यादा लोगों को विभिन्न बीमारियों की वजह से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
पुलिस महानिदेशक डी गौतम सवांग और विशेष मुख्य सचिव (उद्योग) करिकल वलावन ने संयंत्र का निरीक्षण किया और एलजी प्रबंधन से बात की और बाद में संवाददाताओं को बताया कि “सबकुछ समान्य है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।” स्टाइरीन का भंडारण करने वाले टैंक, जहां से रिसाव हुआ था, का तापमान कम हो गया है और पीपीएम (परिवेशी वायु गुणवत्ता) का स्तर भी नीचे है। डीजीपी ने कहा, “निश्चित रूप से हवा भी स्वच्छ है और चिंता की कोई बात नहीं है।
आने वाले दिनों में, जनजीवन समान्य हो जाएगा।” उन्होंने कहा, “सिर्फ ऐहतियात के तौर पर मानकों के मुताबिक लोगों को 48 घंटे के लिये दूर रहने को कहा गया है। यह अवधि कल खत्म हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों से वैज्ञानिक और विशेषज्ञ यहां पहुंच रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि वे स्थिति की समीक्षा करेंगे और अंतिम मंजूरी देंगे। वलावन ने कहा कि संयंत्र का तापमान और पीपीएम स्तर नीचे आ गया है।
विशेष मुख्य सचिव ने कहा, “पेट्रोलियम विश्वविद्यालय, भारतीय रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान और अन्य संस्थानों से विशेषज्ञ आ रहे हैं। उनके निरीक्षण के बाद हम आगे जरूरी कदम उठाएंगे।” इस बीच एलजी प्रबंधन ने भी एक बयान जारी कर कहा, “हमें इस बात की पुष्टि करते हुए खुशी है कि संयंत्र में यथा-स्थिति पर आज सुबह नियंत्रण कर लिया गया।”
इसमें कहा गया कि पीड़ितों और उनके परिवारों की समस्याओं के समाधान और सहायता के लिये एक विशेष कार्य बल का गठन किया गया है। संयंत्र को बंद करने के लिये उठ रही मांग के बीच एलजी प्रबंधन ने कहा कि मौजूदा स्थिति के समाधान और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये जाएंगे।