नई दिल्ली: अयोध्या से एक बार फिर दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां राम जन्मभूमि में काम करने वाली 20 वर्षीय बीए की छात्रा से 8 लोगों ने गैंगरेप किया। पुलिस में पीड़िता की औपचारिक शिकायत के बाद गिरफ्तारी हुई। यह मामला शुक्रवार को घटित हुआ था। पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि आरोपियों में से एक अयोध्या के सहादतगंज निवासी वंश चौधरी ने उसे जिले भर में घुमाने का वादा करके फुसलाया था। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि वंश का वादा उसका शोषण करने का एक बहाना था।
पीड़िता की मानें तो वह जब मंदिर की ओर जा रही थी, तभी 25 अगस्त को उसका अपहरण किया गया। उसने मुख्य आरोपी वंश, उदित कुमार, सतराम चौधरी और दो अज्ञात व्यक्तियों पर इलजाम लगाते हुए कहा कि इन्होंने कार में बैठाने की जबरन कोशिश की। सौभाग्यवश उनका व्हीकल डिवाइडर से जा टकराया और जिसमें उसे मौका मिल गया कि वो किसी तरह भागे।
पीड़िता की शिकायत में दावा किया कि आरोपियों द्वारा उसे और उसके परिवार को दी जाने वाली धमकियों के डर से वह शुरू में अधिकारियों के पास जाने से हिचक रही थी। उन्होंने हम सभी को जान से मारने की धमकी दी थी, यही कारण है कि मैंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी,'' उसने पुलिस अधिकारियों को बताया। हालांकि, 25 अगस्त को अपहरण के प्रयास के बाद, उसने अधिकारियों से संपर्क करने का फैसला किया।
पीड़िता ने खुलासा किया कि वह पहली बार 26 अगस्त को पुलिस के पास गई थी, लेकिन उसका मामला तुरंत दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने जिन क्षेत्रों की पहचान अपराध स्थल के रूप में की है, वे मंदिर शहर में उच्च-सुरक्षा क्षेत्रों में स्थित हैं, जिससे घटना की गंभीरता और बढ़ गई है।
कैंट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अमरेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि जांच के बाद 2 सितंबर को एक औपचारिक मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद गिरफ्तारी हुई। सिंह ने कहा, "सभी आठ आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया और कोर्ट ने जेल भेज दिया है।" उन्होंने कहा कि पीड़िता मुख्य आरोपी वंश को पिछले चार साल से जानती थी और घटना से पहले उस पर भरोसा करती थी।
इस मामले के बाद से आक्रोश फैल गया, क्योंकि पीड़ित की शिकायत दर्ज करने में देरी और अयोध्या जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में होने वाले ऐसे अपराध के निहितार्थ पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने गहन जांच और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।