कथित भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितता के आरोप में फंसे मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद भेजे गए जेल
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2023 05:01 PM2023-02-08T17:01:49+5:302023-02-08T17:03:49+5:30
मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितता से जुड़े कई मामले शामिल रहे हैं। इसी को लेकर एसयूवी (विशेष निगरानी) की टीम लगातार छापामारी कर रही थी।
पटना: बिहार में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने बुधवार को पटना के निगरानी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार सहित वित्तीय अनियमितता से जुड़े कई मामले शामिल रहे हैं। इसी को लेकर एसयूवी (विशेष निगरानी) की टीम लगातार छापामारी कर रही थी। दो दिन पहले भी एसयूवी ने उत्तर प्रदेश में राजेन्द्र प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
निगरानी की दबिश को देखते हुए आरोपी पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने विशेष निगरानी की अदालत में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया। बता दें कि मगध विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्ति, टेंडर घोटाला समेत अन्य मामल में करीब 30 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ लगा है।
इस मामले में प्राथमिक साक्ष्य मिलने के बाद विशेष निगरानी इकाई ने 2021 में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान एसवीयू को नगदी समेत कई अहम दस्तावेज और सबूत हाथ लगे थे। लेकिन राजेंद्र प्रसाद अपने पद के रसूख का इस्तेमाल कर विशेष निगरानी से बचते रहे। काफी दवाब के बाद उन्हौने मई 2022 में कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस बीच राजेंद्र प्रसाद अग्रिम जमानत याचिका लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गए, पर कोर्ट ने उनकी खारिज कर दी थी। इसके बाद अब एसवीयू ने राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ अपनी दबिश बढ़ा दी। एसवीयू ने मामले के जांच अधिकारी को भी बदल दिया है। इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी स्तर के अधिकारी चंद्रभूषण को सौंपा है।
इसके साथ ही इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारी भी इसमें लगाए गए हैं। निगरानी कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद एसवीयू की टीम ने रविवार को गोरखपुर में प्रो. राजेंद्र प्रसाद के आवास और शिक्षण संस्थान में छापा मारा, लेकिन राजेंद्र प्रसाद फरार होने में सफल रहे, पर बढते दवाब की वजह से उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।