शाहजहांपुर केसः बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद गिरफ्तार, कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 20, 2019 09:59 AM2019-09-20T09:59:32+5:302019-09-20T11:40:53+5:30
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर लॉ कॉलेज की छात्रा से यौन शोषण का आरोप है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को स्पेशल इन्वेस्टिगेश टीम (एसआईटी) ने उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर लॉ कॉलेज की छात्रा से यौन शोषण का आरोप है। चिन्मयानंद को गिरफ्तारी के बाद शाहजहांपुर के एक अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया गया। अस्पताल में परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। स्वामी चिन्मयानंद को आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। चिन्मयानंद की वकील ने भी आश्रम से गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। एक स्थानीय अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
गौरतलब है कि शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने एवं उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इसकी जांच एसआईटी को सौंपी गई।
चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद चिन्मयानंद की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा था कि अगर सरकार इंतजार कर रही है कि वह खुद ही मर जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी।
छात्रा ने मीडिया को बताया कि मजिस्ट्रेट ने करीब 12 पेज में उसका बयान दर्ज किया है। उसने दिल्ली में जीरो क्रमांक पर दर्ज रिपोर्ट, उसके हॉस्पिटल के कमरे से चिप और चिन्मयानंद के मालिश वाले वीडियो शूट करने में इस्तेमाल चश्मे के चोरी होने तथा अन्य साक्ष्यों का जिक्र भी अपने बयान में किया है।
छात्रा ने यह भी बताया कि स्वामी चिन्मयानंद के बेडरूम से चादर, गद्दा, शराब की बोतलें आदि जो साक्ष्य गायब कर दिए गए थे, उनका जिक्र भी उसने न्यायालय में दिए गए बयान में किया है।
लॉ छात्रा की ओर से लगाए गए आरोपों पर स्वामी चिन्मयानंद का कहना था कि वह जल्द ही एक विश्वविद्यालय का निर्माण करने जा रहे थे। कुछ लोग चाहते हैं कि उसका निर्माण कार्य ना हो पाए। इसीलिए उनके खिलाफ पूरी साजिश की गई है और इसी के तहत आरोप लगाए गए हैं।