जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री अब्दुल रहीम राथेर के बेटे ने बैंक कर्ज का इस्तेमाल कर किया विदेश दौरा, खरीदा अवैध संपत्ति: ईडी
By भाषा | Published: August 7, 2020 09:46 PM2020-08-07T21:46:25+5:302020-08-07T21:48:13+5:30
कथित रूप से कर्ज की रकम का दुरुपयोग करते हुए हिलाल राथेर और परिवार के सदस्यों के नाम पर “दुबई में तीन फ्लैट हासिल किये गए और हिलाल राथेर और उसकी पत्नी के नाम पर अमेरिका के उत्तरी कैरोलाइना में एक बंगला भी खरीदा गया।”
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री अब्दुल रहीम राथेर के बेटे हिलाल राथेर ने अपनी कंपनी को दिये गए कर्ज की रकम विदेशी दौरों और भारत, दुबई व अमेरिका में व्यक्तिगत संपत्ति हासिल करने में खर्च की। केंद्रीय एजेंसी ने जम्मू कश्मीर बैंक से 177 करोड़ रूपये की कथित कर्ज धोखाधड़ी के सिलसिले में हिलाल राथेर के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत बृहस्पतिवार को श्रीनगर, जम्मू,दिल्ली और लुधियाना में 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
ईडी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, “छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किये गए हैं।” एजेंसी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में वित्त, कृषि और ग्रामीण विकास विभागों के मंत्री रह चुके अब्दुल रहीम राथेर के श्रीनगर स्थित परिसरों पर छापेमारी की गई जबकि जम्मू में उनके बेटे के परिसर पर छापेमारी की कार्रवाई हुई।
ईडी के मुताबिक, “हिलाल राथेर ने (अपनी कंपनी) पैराडाइज एवेन्यू के लोन खाते से अच्छी खासी रकम विभिन्न संस्थाओं में स्थानांतरित की और फिर इस रकम को वापस कंपनी के चालू खाते में डाला जहां से इस रकम को निकालकर और स्थानांतरण के जरिये भारत, दुबई और अमेरिका में चल-अचल संपत्तियां खरीदी गईं और विदेश दौरों व अन्य व्यक्तिगत गतिविधियों के लिये भी इन्हें खर्च किया गया।”
कथित रूप से कर्ज की रकम का दुरुपयोग करते हुए हिलाल राथेर और परिवार के सदस्यों के नाम पर “दुबई में तीन फ्लैट हासिल किये गए और हिलाल राथेर और उसकी पत्नी के नाम पर अमेरिका के उत्तरी कैरोलाइना में एक बंगला भी खरीदा गया।”
जम्मू कश्मीर भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो द्वारा हिलाल के खिलाफ दर्ज किये गए मामले पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने हिलाल राथेर और अन्य के खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई और आयकर विभाग भी मामले की जांच कर रहे हैं।