मुंगेर: AK-47 तस्करी मामले में पांच आरोपी जवानों का होगा नार्को, कोर्ट ने दी मंजूरी
By एस पी सिन्हा | Published: October 16, 2018 05:48 PM2018-10-16T17:48:25+5:302018-10-16T17:48:25+5:30
मुंगेर के सीजेएम अनिल कुमार मिश्रा के कोर्ट में पुलिस ने सेना के जवान नियाजुल रहमान, मंजर आलम उर्फ मंजी, शमशेर, इमरान व इरफान के द्वारा देशद्रोह से जुडे मामले में सहयोग नहीं करने एवं बार-बार बयान बदलने को लेकर नार्को टेस्ट कराने की अनुमति को लेकर आवेदन दिया था।
एके-47 तस्करी के मामले गिरफ्तार सेना का जवान नियाजुल रहमान सहित पांच हथियार तस्करों के नार्को टेस्ट कराने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने नार्को टेस्ट की अनुमति दे दी है। अब उन्हें ब्रेन मैपिंग टेस्ट के लिये उन्हें बंगलुरू ले जाया जायेगा।
मुंगेर के सीजेएम अनिल कुमार मिश्रा के कोर्ट में पुलिस ने सेना के जवान नियाजुल रहमान, मंजर आलम उर्फ मंजी, शमशेर, इमरान व इरफान के द्वारा देशद्रोह से जुडे मामले में सहयोग नहीं करने एवं बार-बार बयान बदलने को लेकर नार्को टेस्ट कराने की अनुमति को लेकर आवेदन दिया था।
पुलिस को अनुमान था कि मंजर की गिरफ्तारी से एके- 47 के सारे राज खुल जाएंगे। पुलिस ने उसे चार दिन के लिए रिमांड पर लेकर कडी पूछताछ शुरू की लेकिन वह गुमराह करता रहा। पुलिस ने इमरान, शमशेर व इरफान को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की लेकिन सभी के बयान में विरोधाभास रहा।
एके 47 के पूरे नेटवर्क के खुलासे के लिए पुलिस गिरफ्तार तस्करों को बारी-बारी से रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। इमरान, शमशेर व इरफान के बाद अब गया से गिरफ्तार तस्कर शिक्षक राजीव रंजन को पुलिस ने कोर्ट की अनुमति से दो दिनों के लिए रिमांड पर लिया।
उसे गया से 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। एके 47 मामले में गिरफ्तार मंजर के साला की निशानदेही पर मुंगेर पुलिस ने गया में छापेमारी की थी। मंजर तो बच निकला लेकिन पुलिस ने हथियार तस्कर शिक्षक राजीव रंजन को गिरफ्तार कर लिया।
राजीव रंजन मुंगेर के मंजर से हथियार लेकर अपराधियों से बेचता था। मंजर डेढ साल से राजीव रंजन को प्रति महीने 15-15 मुंगेर निर्मित पिस्टल देता था। राजीव रंजन गया के शोभनाडीह का रहने वाला है और वहीं प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक है। राजीव रंजन के सहयोग से मंजर औरंगाबाद के तस्करों को भी हथियार देता था।
बताया जाता है कि राजीव के जरिये मंजर के गया व औरंगाबाद के अपराधियों व नक्सलियों को एके-47 देने की बात भी सामने आई है। एके- 47 मामले में शमशेर के बयान पर जो प्राथमिकी दर्ज की गई है, उसमें गया व औरंगाबाद के भी चार-पांच लोगों का नाम है। एसपी बाबू राम ने बताया कि राजीव रंजन को रिमांड पर लिया गया है।
एके 47 के बारे में उससे अहम जानकारी मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो हथियार तस्कर मंजर उर्फ मंजी को पुलिस ने चार दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। उसके सामने राजीव रंजन से पूछताछ कर पुलिस ठोस जानकारी चाह रही है। पुलिस का अनुमान है कि मंजर ने राजीव रंजन के जरिए ही गया व औरंगाबाद में अपराधियों व नक्सलियों को एके-47 बेचा है।
सूत्रों के अनुसार जबलपुर सीओडी के आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल रजक काफी शातिर था। एके-47 की खेप बिहार में पहुंचाने के दौरान वह काफी सर्तकता और होशियारी बरता था। पुरुषोत्तम जबलपुर से भागलपुर ट्रेन के लिए टिकट बुक कराता था, लेकिन जबलपुर स्टेशन पर मिटेल डिटेक्टर होने के कारण कटनी स्टेशन से बोर्डिंग लेता था। वह अपनी पत्नी चंद्रवती के साथ कटनी से ट्रेन में चढता था।
जानकारों के अनुसार खास बात यह है कि वह भागलपुर में ट्रेन से जरूर उतरता था, लेकिन एके-47 की सप्लाई उससे पहले ही कर देता था। छोटा स्टेशन होने के कारण वहां चेकिंग की आधुनिक सुविधा नहीं थी, और इसका लाभ हथियार तस्कर उठाते थे।
मतलब यात्रा टिकट में मुंगेर का नाम नहीं देकर खुद सेफ रखता था, उधर जबलपुर की बजाय कटनी स्टेशन से ट्रेन पकडकर जबलपुर की चेकिंग सुविधा को धता साबित कर देता था। पुलिस के हत्थे चढने के बाद पुरुषोत्तम ने एक जानकारी दी थी।
वह जबलपुर से जमालपुर का टिकट बुक करा कर पुलिस को कोई शक नहीं देना चाहता था, पकडे जाने पर कोई जबलपुर सीओडी और मुंगेर का कनेक्शन नहीं जोड ले, इसके लिए वह यह सारा साजिश रचता था। लेकिन इमरान के पकडे जाने और उसका नाम लेने के बाद पुरुषोत्तम की सारी साजिश फेल हो गई और वह अब सलाखों के पीछे है।