Firozabad station: 30 मिनट के अंदर 3 लोग ट्रेन से कटे?, आखिर क्यों फुटओवर ब्रिज का उपयोग नहीं कर लोग, लगेंगे पटरी पर बाड़

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 2, 2024 09:53 PM2024-10-02T21:53:27+5:302024-10-02T21:54:09+5:30

नयी दिल्ली-रांची गरीब रथ एक्सप्रेस, नयी दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस और हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आकर तीन लोगों की मौत हो गई।

Firozabad station 3 people hit train within 30 minutes Why people not using footover bridge Fences installed on tracks up police | Firozabad station: 30 मिनट के अंदर 3 लोग ट्रेन से कटे?, आखिर क्यों फुटओवर ब्रिज का उपयोग नहीं कर लोग, लगेंगे पटरी पर बाड़

सांकेतिक फोटो

Highlightsअधिकारियों ने बताया कि उसी दिन अलग-अलग समय पर दो और लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई।हर महीने औसतन 5-10 लोग ऐसी घटनाओं का शिकार होते हैं। एमआरओ का मतलब ट्रेन की चपेट में आने से है। तीन सदस्यीय संयुक्त जांच दल ने पाया कि रेलवे लाइन घनी आबादी वाले क्षेत्र और कांच कारखानों को विभाजित करती हैं।

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद स्टेशन के पास एक अक्टूबर को 30 मिनट के अंदर तीन ट्रेन की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत के बाद शुरू की गई रेलवे जांच में पटरियों पर बाड़ लगाने की सिफारिश की गई है, क्योंकि लोग रेलवे लाइन पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज का उपयोग करने से बचते हैं। जांच के अनुसार, शाम सात बजे से सात बजकर 35 मिनट के बीच लगभग एक ही स्थान पर नयी दिल्ली-रांची गरीब रथ एक्सप्रेस, नयी दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस और हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आकर तीन लोगों की मौत हो गई।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उसी दिन अलग-अलग समय पर दो और लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद स्टेशन क्षेत्र में ‘मैन-रन-ओवर’ (एमआरओ) के मामले काफी अधिक हैं, जहां हर महीने औसतन 5-10 लोग ऐसी घटनाओं का शिकार होते हैं। एमआरओ का मतलब ट्रेन की चपेट में आने से है।

एमआरओ के इतने अधिक मामलों के कारणों की जांच करते हुए, तीन सदस्यीय संयुक्त जांच दल ने पाया कि रेलवे लाइन घनी आबादी वाले क्षेत्र और कांच कारखानों को विभाजित करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “जहां रिहायशी इलाका पटरियों के दक्षिण की ओर है, वहीं कारखाने उत्तर की ओर हैं। इसके अलावा, शहर का मुख्य बाजार भी पटरियों के उत्तर की ओर स्थित है।”

जांच दल ने पाया कि उत्तर की ओर कोई बाड़ नहीं है, जबकि दक्षिण की ओर चारदीवारी कई स्थानों से खुली हुई । रिपोर्ट के मुताबिक, “स्थल का निरीक्षण करने के बाद, हमने पाया कि पटरियों का दक्षिणी हिस्सा बहुत प्रदूषित है, जबकि उत्तरी हिस्से में कारखाने और बाज़ार हैं।

रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया, “लोग रोड-ओवर-ब्रिज/रोड-अंडर-ब्रिज का उपयोग नहीं करते हैं और बहुत ही लापरवाही से अवैध रूप से रेलवे ट्रैक पार करते हैं, जिसके कारण वे चलती ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं।” इसने ट्रेन की चपेट में आने के मामलों को न्यूनतम करने के लिए उत्तर की ओर बाड़ लगाने और दक्षिण की ओर सभी खुले स्थानों को बंद करने की सिफारिश की है।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, “सितंबर में चलती ट्रेन से 11 लोगों की मौत हुई थी। मार्च में यह संख्या 10 थी। हर महीने पांच से 10 लोग अपनी जान गंवाते हैं, लेकिन फिर भी वे इतने लापरवाह हैं।” अधिकारी ने कहा, “हम स्थानीय लोगों को शिक्षित करते हैं और उन्हें रेलवे ट्रैक पार करने के खतरों के बारे में जागरूक करते हैं, लेकिन उनमें से कई लोग हमारी बात नहीं सुनते और अपनी जान जोखिम में डालते हैं।”

Web Title: Firozabad station 3 people hit train within 30 minutes Why people not using footover bridge Fences installed on tracks up police

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