फरीदाबाद DCP सुसाइड मामले में कई खुलासे, SHO ने हनीट्रैप में फंसाकर मांगी थी फिरौती, पत्रकार की थी ये भूमिका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 17, 2019 02:11 PM2019-08-17T14:11:45+5:302019-08-17T14:11:45+5:30
फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या: विक्रम कपूर की मौत पर पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि इस घटना से पूरे पुलिस विभाग शोक में है। उन्होंने कहा कि पुलिस आत्महत्या के मामले की जांच कर रही है।
फरीदाबाद डीसीपी (एनआईटी) विक्रम कपूर आत्महत्या मामले में हरियाणा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुये जांच के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया गया है। एसआईटी गठन होने के एक दिन बाद ही केस में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। स्थानीय अखबार के मुताबिक आरोपी भूपानी थाना प्रभारी अब्दुल शहीद विक्रम कपूर को हनीट्रैप मामले में फंसाकर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांग रहा था। डीसीपी विक्रम कपूर को एक कथित वीडियो के जरिये ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिसमें वह एक महिला के साथ थे। ब्लैकमेलिंग का आरोप एसएचओ अब्दुल शहीद और आरोपी पत्रकार सतीश पर है। 14 अगस्त की सुबह छह बजे मॉर्निग वॉक से लौटकर मुंह के अंदर सर्विस रिवाल्वर रख कर विक्रम कपूर ने गोली मार ली थी।
आरोपी एसएचओ शहीद और सतीश को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को एसएचओ को सस्पेंड कर चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। खबर है कि एसएचओ शहीद ने एक महिला की मदद से विक्रम कपूर को फंसाया था। जिसके बाद से वह कपूर को ब्लैकमेल कर रहे थे। कपूर पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए एसएचओ ने पत्रकार सतीश का सहारा लिया। पत्रकार कपूर के खिलाफ खबरें करने लगा था और उसे धमकी दी जाती थी कि अगर पैसे नहीं दिये तो खबर छपवाकर एक्सपोज किया जायेगा।
2003 में पत्रकार सतीश को एक हत्या केस में पकड़ा गया था। पत्रकार पर धोखाधड़ी का भी केस दर्ज है। हालांकि पुलिस ने अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सुसाइट नोट में एसएचओ और पत्रकार पर आरोप
पुलिस ने आत्महत्या की जांच सूइसाइड नोट के आधार पर शुरू की है। अंग्रेजी में लिखे गए नोट की पहली लाइन है ..I am doing due to अब्दुल, अब्दुल इंस्पेक्टर - He was blackmailing. इस नोट का जिक्र डीसीपी के बेटे ने पुलिस को दी शिकायत में किया है। डीसीपी के बेटे अर्जुन कपूर ने शिकायत में कहा कि उनके पिता को पिछले डेढ़ महीने से अब्दुल शहीद, एसएचओ व सतीश मलिक मानसिक तौर पर तंग कर रहे थे।
मोबाइल देखकर परेशान हो गये थे विक्रम कपूर
विक्रम कपूर की पत्नी के मुताबिक, सुबह जगने के बाद बुधवार (14 अगस्त) को कपूर सामान्य थे। लेकिन जैसे ही डीसीपी की नजर मोबाइल पर गई तो वह परेशान हो उठे। फोन में किसी का मैसेज देखकर वो घबरा गये थे।
विक्रम कपूर की सेवानिवृत्ति को अभी एक साल बाकी था। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि एनआईटी क्षेत्र के डीसीपी विक्रम कपूर पिछले एक साल से इस पद पर तैनात थे और उन्हें 2020 में सेवानिवृत्त होना था।
विक्रम कपूर मूल रूप से अंबाला के रहने वाले थे और हरियाणा पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के रूप में भर्ती हुए थे। पदोन्नति के बाद वह डीसीपी बने और पिछले करीब दो साल से फरीदाबाद में पदस्थ थे। विक्रम कपूर के परिवार में दो बेटे और पत्नी हैं। उनका एक बेटा पंचकूला में रहता है, जबकि दूसरा बेटा उनके साथ ही रहता था। विक्रम कपूर 1983 में एएसआई के पद पर भर्ती हुए थे। बाद में वह प्रमोट होकर आईपीएस बन गए थे।