फरीदाबाद DCP ने आखिर क्यों दी जान, कॉल डीटेल में ब्लैकमेलिंग को लेकर कई सुराग, SHO व पत्रकार शक के घेरे में
By पल्लवी कुमारी | Published: August 15, 2019 11:25 AM2019-08-15T11:25:06+5:302019-08-15T11:25:06+5:30
फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या: विक्रम कपूर की मौत पर पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि इस घटना से पूरे पुलिस विभाग शोक में है। उन्होंने कहा कि पुलिस आत्महत्या के मामले की जांच कर रही है।
फरीदाबाद डीसीपी (एनआईटी) विक्रम कपूर ने अपने सरकारी आवास पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जिसके बाद से हर कोई हैरान है। हर कोई इस सोच में डूबा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि 14 अगस्त को मॉर्निग वॉक से लौटकर मुंह के अंदर सर्विस रिवाल्वर रख कर विक्रम कपूर ने गोली मारी। शुरुआती जांच और सूइसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने भूपानी थाना प्रभारी अब्दुल शहीद और एक पत्रकार सतीश को हिरासत में लिया है। पुलिस ने डीसीपी का मोबाइल कब्जे में लेकर डेटा व कॉल रेकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है। जिससे कई सुराग हाथ लग रहे हैं लेकिन फिलहाल अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि आखिर थाना प्रभारी अब्दुल शहीद और पत्रकार सतीश उन्हें किस बात के लिये ब्लैकमेल कर रहे थे।
घर के सोफे पर बैठकर खुद को मारी गोली
विक्रम कपूर बुधवार सुबह करीब छह बजे अपने घर के ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठे थे। उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर अपने मुंह में डालकर ट्रिगर दबा दिया। उस समय उनकी पत्नी बाथरूम में थीं। गोली चलने की आवाज सुनकर वह बाहर आईं तो पति को खून से लथपथ पाया। उन्होंने बताया कि इसके बाद कपूर की पत्नी ने अपने बेटे अर्जुन को जगाया। बाद में पुलिस को सूचित किया गया। विक्रम कपूर की सेवानिवृत्ति को अभी एक साल बाकी था। घर से एक सूइसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने खुद को ब्लैकमेलिंग का प्रताड़ित बताया। ब्लैकमेल करने का आरोप एक इंस्पेक्टर व एक पत्रकार पर लगा है। दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
मोबाइल देखने के बाद घबरा गये थे डीसीपी विक्रम कपूर
विक्रम कपूर की पत्नी के मुताबिक, सुबह जगने के बाद बुधवार (14 अगस्त) को कपूर सामान्य थे। लेकिन जैसे ही डीसीपी की नजर मोबाइल पर गई तो वह परेशान हो उठे। फोन में किसी का मैसेज देखकर वो घबरा गये थे।
सुसाइड नोट में डीसीपी विक्रम कपूर ने क्या लिखा?
पुलिस ने आत्महत्या की जांच सूइसाइड नोट के आधार पर शुरू की है। अंग्रेजी में लिखे गए नोट की पहली लाइन है ..I am doing due to अब्दुल, अब्दुल इंस्पेक्टर - He was blackmailing. इस नोट का जिक्र डीसीपी के बेटे ने पुलिस को दी शिकायत में किया है। डीसीपी के बेटे अर्जुन कपूर ने शिकायत में कहा कि उनके पिता को पिछले डेढ़ महीने से अब्दुल शहीद, एसएचओ व सतीश मलिक मानसिक तौर पर तंग कर रहे थे।
हरियाणा पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के रूप में भर्ती हुए थे डीसीपी विक्रम कपूर
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि एनआईटी क्षेत्र के डीसीपी विक्रम कपूर पिछले एक साल से इस पद पर तैनात थे और उन्हें 2020 में सेवानिवृत्त होना था। उन्होंने कहा कि कपूर काफी मिलनसार और बेहतर अधिकारी थे।
विक्रम कपूर मूल रूप से अंबाला के रहने वाले थे और हरियाणा पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के रूप में भर्ती हुए थे। पदोन्नति के बाद वह डीसीपी बने और पिछले करीब दो साल से फरीदाबाद में पदस्थ थे। विक्रम कपूर के परिवार में दो बेटे और पत्नी हैं। उनका एक बेटा पंचकूला में रहता है, जबकि दूसरा बेटा उनके साथ ही रहता था। विक्रम कपूर 1983 में एएसआई के पद पर भर्ती हुए थे। बाद में वह प्रमोट होकर आईपीएस बन गए थे।