फर्जी साइट बनाकर महाराष्ट्र में बांट रहे उज्ज्वला योजना की डीलरशिप - ठगी के नए पैंतरे से केंद्र और राज्य सरकारें सकते में
By संतोष ठाकुर | Published: November 22, 2018 09:01 AM2018-11-22T09:01:44+5:302018-11-22T09:01:44+5:30
इस तरह की ठगी वाले विज्ञापन एमजी रोड, कांदीवली, पश्चिम मुंबई, महाराष्ट्र के किसी पते को उल्लेखित कर प्रकाशित किए जा रहे हैं. इस पते पर उज्ज्वला का कार्यालय बताते हुए लोगों को वितरक बनने संबंधी पत्र भेजे जा रहे हैं. जनता का विश्वास जीतने के लिए पत्रों पर इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का लोगो भी प्रिंट है.
नई दिल्ली, 22 नवंबर: मोदी सरकार की सबसे सफल उज्ज्वला योजना के नाम पर ठगों ने फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया है. पेट्रोलियम मंत्रालय की वेबसाइट एलपीजीवितरकडॉटइन से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगों ने उज्ज्वला योजना के तहत डीलरशिप देने संबंधी विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाने शुरू कर दिए हैं. महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में शुरू हुई इस तरह की ठगी से पेट्रोलियम मंत्रालय सकते में है.
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह की ठगी वाले विज्ञापन एमजी रोड, कांदीवली, पश्चिम मुंबई, महाराष्ट्र के किसी पते को उल्लेखित कर प्रकाशित किए जा रहे हैं. इस पते पर उज्ज्वला का कार्यालय बताते हुए लोगों को वितरक बनने संबंधी पत्र भेजे जा रहे हैं. जनता का विश्वास जीतने के लिए पत्रों पर इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का लोगो भी प्रिंट है. बताया जाता है कि वितरक बनाने के नाम पर मोटी रकम मंगाई जा रही है. खास बात यह है कि सरकार की ओर से कभी भी उज्ज्वला योजना के लिए वितरक नियुक्ति की कोई योजना सामने नहीं आई है, जबकि इन विज्ञापनों में इसके लिए अलग से वितरक नियुक्त करने का दावा किया जा रहा है.
खासकर इस विज्ञापन के सहारे गांव-देहात में एजेंसी खोलने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमनें मुंबई पुलिस को भी कांदीवली के इस पते को लेकर जानकारी दी है और उन्हें आवश्यक कानूनी कार्यवाही के लिए कहा है. इसके अलावा हमनें तीनों सरकारी तेल कंपनियों को भी बड़े स्तर पर विज्ञापन निकालकर लोगों को ऐसे धोखेबाज-ठगों और उनके विज्ञापन से बचने की सलाह देने का निर्देश दिया है. सता रहा बड़े फर्जीवाड़े का डर सरकार को उज्ज्वला योजना की डीलरशिप के बहाने बड़े फर्जीवाड़े का डर सता रहा है, जिसका खामियाजा उसे अगले आम चुनाव में राजनीतिक नुकसान के रूप में उठाना पड़ सकता है.
आम चुनाव में विरोधी दल इसे बड़ा मुद्दा बना सकते हैं. इन आशंकाओं को देखते हुए सभी सरकारी तेल कंपनियों ने बड़े स्तर पर फर्जी उज्ज्वला डीलरशिप वेबसाइट को लेकर अभियान चलाने का फैसला किया है. मंत्रालय ने सभी तेल कंपनियों को कहा है कि वह ऐसे मामलोंं के संज्ञान में आने के बाद पुलिस और जांच एजेंसियों को इसकी शिकायत करें. साथ ही आम जनता को भी इस तरह के फर्जीवाड़े को लेकर जागरूक करे.
लोकमत समाचार ने चेताया था बता दें कि करीब छह माह पहले 'लोकमत समाचार' ने एक समाचार प्रकाशित कर सरकारों और लोगों को चेताया था कि देश भर में इस तरह के फर्जी विज्ञापन दिए जा रहे हैं और कुछ मामलों में तो पत्र पाने वाले पेट्रोलियम मंत्रालय पहुंच गए थे. उसके बाद उन्हें यह मालूम हुआ कि सरकार की ओर से ऐसा कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है. कुछ मामलों में तो लोगों ने चेक और ड्राफट मंत्रालय को ही प्रेषित कर दिए थे, जिसकी वजह से वे फर्जीवाड़ा करने वालों के जाल में फंसने से बच गए.