एल्गार परिषद मामला: डीयू के प्राध्यापक हनी बाबू की एनआईए हिरासत सात अगस्त तक बढ़ी

By भाषा | Published: August 4, 2020 05:57 PM2020-08-04T17:57:44+5:302020-08-04T17:57:44+5:30

एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि करीब सवा लाख मेल उनके ईमेल अकाउंट से बरामद हुए हैं और उनकी पड़ताल करने की जरूरत है।

Elgar Council case: NIA custody of DU professor extended till 7 August | एल्गार परिषद मामला: डीयू के प्राध्यापक हनी बाबू की एनआईए हिरासत सात अगस्त तक बढ़ी

डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू (फाइल फोटो)

Highlightsजांच एजेंसी ने कहा कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट की भी पड़ताल करने की जरूरत है।एनआईए ने कहा कि जांच से यह खुलासा हुआ है कि हनी बाबू कई अन्य गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में थे।एनआईए ने कहा कि हनी बाबू उनके संपर्क में थे जो लोग जेल से रिहा हुए माओवादियों के लिये धन जुटाने में शामिल थे।

मुंबई: एल्गार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू की एनआईए हिरासत मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत ने सात अगस्त तक बढ़ा दी। डीयू के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू मुसालियरवीट्टिल थारियाल (54) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था।

एनआईए ने दलील दी कि आरोपी के भाकपा (माओवादी) से संबंध हैं। विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते उन्हें चार अगस्त तक के लिये एनआईए की हिरासत में भेज दिया था। मंगलवार को उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उनहें यहां अदालत में पेश किया गया। एनआईए ने उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत से कहा कि करीब सवा लाख मेल उनके ईमेल अकाउंट से बरामद हुए हैं और उनकी पड़ताल करने की जरूरत है।

जांच जऐंसी ने कहा कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट की भी पड़ताल करने की जरूरत है, जिनका इस्तेमाल वह अन्य आरोपियों, संदिग्धों और भाकपा (माओवादी) समर्थकों से पत्राचार करने में करते थे। एनआईए ने कहा कि जांच से यह खुलासा हुआ है कि हनी बाबू अन्य गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में थे और वे लोग जेल से रिहा हुए माओवादियों के लिये धन जुटाने में शामिल थे।

इस सिलसिले में आगे की जांच जारी है। एनआईए ने कहा कि जांच के दौरान यह प्रकाश में आया है कि आरोपियों ने एक साजिश रची थी, जिन्होंने विभिन्न जाति समूहों के बीच बैर को बढ़ाया था। इसके चलते हिंसा हुई, लोगों की जान गई और राज्यव्यापी आंदोलन हुआ।

जांच एजेंसी की दलील सुनने के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश आर आर भोंसले ने आरोपी को और तीन दिनों के लिये एनआईए की हिरसात में भेज दिया। यह मामला पुझो में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबद्ध है। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के चलते अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई।

पुणे पुलिस ने इस मामले में नवंबर 2018 और फरवरी 2019 में क्रमश: आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामले की जांच अपने हाथ में ली। 

Web Title: Elgar Council case: NIA custody of DU professor extended till 7 August

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