एलगार मामला: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

By भाषा | Published: August 7, 2020 05:15 PM2020-08-07T17:15:24+5:302020-08-07T17:15:55+5:30

एनआईए ने अदालत में दलील दी थी कि आरोपी का भाकपा (माओवादियों) के साथ संबंध हैं।

Elgar case: Delhi University professor sent to judicial custody till 21 August | एलगार मामला: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

हनी बाबू (फाइल फोटो)

Highlightsविशेष अदालत के न्यायाधीश डी ई कोथलिकर ने हनी बाबू शुक्रवार को एनआईए रिमांड समाप्त होने पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस का दावा है कि उसके अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़की। पुणे पुलिस ने मामले में 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को क्रमशः आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र दायर किया था।

मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को एलगार परिषद मामले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू को 21 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू मुसलीयरवेटिल थारायिल (54) को 28 जुलाई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले में उनकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत के न्यायाधीश डी ई कोथलिकर ने उन्हें शुक्रवार को एनआईए रिमांड समाप्त होने पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

इससे पहले, एनआईए ने अदालत में दलील दी थी कि आरोपी का भाकपा (माओवादियों) के साथ संबंध हैं। यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद के सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है।

पुलिस का दावा है कि उसके अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़की। पुणे पुलिस ने मामले में 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को क्रमशः आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। 

Web Title: Elgar case: Delhi University professor sent to judicial custody till 21 August

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