डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन मुश्किल में, ईडी ने बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर जमानत रद्द करने की मांग की
By भाषा | Published: April 15, 2020 06:19 PM2020-04-15T18:19:55+5:302020-04-15T18:19:55+5:30
प्रवर्तन निदेशालय की वकील पूर्णिमा कंथारिया की ओर से दायर याचिका को हाईकोर्ट के न्यायाधीश पी.डी नाइक की बेंच ने स्वीकार कर लिया है और मामले की सुनवाई की अगली तारीख 23 अप्रैल के लिए तय की है।
मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने और लॉकडाउन (बंद) के दौरान यात्रा करने को लेकर डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन की जमानत रद्द करने की मांग की।
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कपिल वधावन (46) धन शोधन के एक मामले में आरोपी है। प्रवर्तन निदेशालय की वकील पूर्णिमा कंथारिया ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पी डी नाइक के समक्ष याचिका दी।
अदालत ने तब वधावन को एक नोटिस जारी किया और विषय की सुनवाई 23 अप्रैल के लिये निर्धारित कर दी। गैंगेस्टर इकबाल मिर्ची के साथ संदिग्ध सौदेबाजी को लेकर इस साल 27 जनवरी को वधावन को गिरफ्तार किया गया था। इकबाल की 2013 में मौत हो गई थी।
वधावन के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। वधावन को एक सत्र अदालत ने 21 फरवरी को जमानत दे दी थी। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन का कथित तौर पर उल्लंघन करते हुए पिछले हफ्ते कपिल वधावन, उसके भाई धीरज वधावन और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित महाबलेश्वर की यात्रा की थी।
इसके बाद, ईडी ने उन पांच लग्जरी वाहनों को जब्त करने का आदेश दिया था, जिनमें वे खंडाला से महाबलेश्वर गये थे। वधावन बंधु और उनके परिवार के सदस्य सहित 21 अन्य लोग महाबलेश्वर में पृथक वास में रखे गये हैं। कंथारिया ने बताया, ‘‘आरोपी (कपिल) वधावन को ईडी के समक्ष नियमित रूप से पेश होने को कहा गया था ताकि वह शहर छोड़ कर नहीं जा सके।
हालांकि, हाल ही में यह पता चला कि उसने शहर के बाहर की यात्रा की और इसतरह जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया।’’ उन्होंने बताया कि वधावन की जमानत रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका की फौरी सुनवाई की मांग करने के लिये अभियोजन के पास यह एक अतिरिक्त आधार है।