रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू पर कस सकता है ईडी का शिकंजा, मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई की तैयारी

By एस पी सिन्हा | Published: May 24, 2022 06:34 PM2022-05-24T18:34:22+5:302022-05-24T18:38:35+5:30

ईडी मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई किए जाने की तैयारी है। सीबीआई ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर उनके कार्यकाल 2004 से 2009 के दौरान जमीन-जायदाद लेकर ग्रुप-डी की नौकरी देने के मामले में एक नया मुकदमा दर्ज किया है।

ED may take action against Lalu Prasad yadav in railway recruitment scam | रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू पर कस सकता है ईडी का शिकंजा, मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई की तैयारी

रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू पर कस सकता है ईडी का शिकंजा, मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई की तैयारी

Highlightsलालू के रेलमंत्री रहते साल 2004 से 2009 के दौरान का है मामलारूपसपुर थाना क्षेत्र में आने वाली लालू यादव की जमीन हो चुकी है जब्तइस मामले में लालू परिवार की मुश्किलें भी बढ़ने की संभावना

पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ऊपर संकट के बादल मंडराने लगे है। रेलवे नियुक्ति घोटाले में सीबीआई के द्वारा की जा रही कार्रवाई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर सकता है। 

ईडी मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई किए जाने की तैयारी है। सीबीआई ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर उनके कार्यकाल 2004 से 2009 के दौरान जमीन-जायदाद लेकर ग्रुप-डी की नौकरी देने के मामले में एक नया मुकदमा दर्ज किया है।

इस मामले में उनके 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी। इस मामले में मनी लॉड्रिंग से जुडे कुछ तथ्य सामने आए हैं। हालांकि, अभी इस मामले की पूरी छानबीन चल रही है। सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में हुए रेलवे टेंडर घोटाले की जांच पूर्व से ईडी कर रहा है। 

इस मामले में पटना के रूपसपुर थाना क्षेत्र में आने वाली लालू प्रसाद यादव की जमीन जब्त भी हो चुकी है। मनी लॉड्रिंग से जुड़े पूरे मामलों की आगे की जांच करने के लिए इस मामले की जांच ईडी भी कर सकती है। 

रूपसपुर के जमीन पर माल बन रहा था। टेंडर घोटाले में मिली कामयाबी को आधार बनाकर नियुक्ति घोटाले में ईडी की कार्रवाई को संभावित बताया जा रहा है। इस प्रकरण में ईडी ने जांच प्रारंभ की तो लालू प्रसाद यादव के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो पुत्री मीसा और हेमा यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

इस बीच राजद के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने कहा कि सवाल तो यह उठता है कि जब 2008 में लगे आरोप पर सीबीआई 14 वर्षों तक क्यों सोयी रही? उसकी नींद तब क्यों खुली जब बिहार में मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच जाति आधारित जनगणना कराने की सहमति बनी है।

उन्होंने पूछा कि छापेमारी के लिए यह समय क्यों चुना गया? शिवानंद ने बताया कि इसके दो स्पष्ट मकसद हैं। पहला उद्देश्य जाति आधारित जनगणना रोकना है। जातीय जनगणना के आधार पर वंचित समाज अपनी संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी की मांग करने लगेगा।

Web Title: ED may take action against Lalu Prasad yadav in railway recruitment scam

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