दिल्ली दंगा की जांच रिपोर्ट में खुलासाः आरोपी ताहिर हुसैन ने जुटाई 1 करोड़ से ज्यादा रकम, सऊदी अरब से भी हुई फंडिंग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 2, 2020 12:58 PM2020-07-02T12:58:35+5:302020-07-02T12:58:35+5:30
पुलिस ने बताया है कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने 1 करोड़ से ज्यादा का चंदा जुटाया था। उसकी कंपनियों के लिए यह चंदा सऊदी अरब और देश के कई अन्य हिस्सों से आया।
राजधानी दिल्ली में 23 से 26 फरवरी के बीच हुए साम्प्रदायिक दंगों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है। कोर्ट में पेश इस रिपोर्ट में पुलिस ने बताया है कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने 1 करोड़ से ज्यादा का चंदा जुटाया था। उसकी कंपनियों के लिए यह चंदा सऊदी अरब और देश के कई अन्य हिस्सों से आया। इसके अलावा पीएफआई से भी उन्हें चंदा मिला है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बुधवार को यह भी कहा कि ये दंगे अचानक नहीं भड़के थे। बल्कि दिल्ली में जान माल की अधिक से अधिक हानि के लिए खूब तैयारी की गई थी।
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत में पुलिस की तरफ से इन दंगों के तीन महत्वपूर्ण किरदारों को लेकर अहम जानकारी दी गई थी। इनमें आम आदमी पार्टी से निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नेता मीरान हैदर और गुलिफ्ता खातून के नाम शामिल हैं।
ताहिर हुसैन के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली दंगों के मामले में धन शोधन की अपनी जांच के सिलसिले में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के परिसरों सहित कई स्थानों पर 22-23 जून को छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कम से कम छह स्थानों पर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि मामले में अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के मकसद से छापे मारे गए। ईडी ने मार्च में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद हुसैन, इस्लामी संगठन पीएफआई और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दिल्ली में हाल ही में हुए दंगों के सिलसिले में धन शोधन और दंगों के लिए धन मुहैया कराने का मामला दर्ज किया था।
ताहिर हुसैन के खिलाफ दो आरोप-पत्र दाखिल
दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तरपूर्व दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के अन्य मामले में हुसैन के खिलाफ दो आरोप-पत्र दायर किए थे। शर्मा (26) के परिवार ने हत्या के पीछे हुसैन को जिम्मेदार बताया है। शर्मा का शव दंगा प्रभावित चांद बाग इलाके में उनके घर के पास एक नाले से मिला था। पार्षद ने कहा था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। समझा जाता है कि छापेमारी करने से पहले ईडी ने पुलिस के इन आरोप-पत्रों पर गौर किया है। दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट के तहत वार्ड संख्या 59 से आप का पार्षद हुसैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
फरवरी में हुए थे भीषण दंगे
इस साल की शुरुआत में हुए दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हुए थे। इसके बाद 700 से अधिक मुकदमे दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने दर्ज किए। कुल 1300 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से 700 लोगों को पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किया।