दिल्ली: एयर होस्टेस बहू और पत्नी के गैर मर्द से संबंध के शक में बुजुर्ग ने उठाया दिल दहला देने वाला कदम
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 7, 2019 08:00 AM2019-12-07T08:00:17+5:302019-12-07T08:27:04+5:30
दिल्ली के रोहिणी में एक बुजुर्ग शक की आग में झुलस रहा था। उसे शक था कि उसकी पत्नी और बहू के गैर मर्द के साथ विवाहेत्तर संबंध हैं। शक की बिनाह पर उसने ऐसा कदम उठाया कि घर, घर न रहा।
राजधानी दिल्ली के रोहिणी में शुक्रवार (6 दिसंबर) को एक महिला और और उसकी बहू की हत्या कर दी गई। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, एक 64 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक ने ही कथित तौर पर अपनी पत्नी और बहू की हत्या कर दी।
खबर के मुताबिक, बुजुर्ग की पत्नी दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की सेवानिवृत्त कर्मचारी थी। बुजुर्ग की बहू पेशे से एक एयर होस्टेस थी। कहा जा रहा है कि बुजुर्ग ने शक के चलते पत्नी और बहू की हत्या कर दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्ग को शक था कि उसकी पत्नी और बहू के गैर मर्द के साथ विवाहेत्तर संबंध थे, शक की बिनाह पर उसने खौफनाक और वारदात को अंजाम दे दिया। कहा जा रहा है कि वारदात के दौरान बुजुर्ग के छोटे बेटे ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहा। वारदात में बेटा भी घायल हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने आरोपी बुजुर्ग को गिरफ्तार कर लिया है।
Delhi: A 64-yr-old retired teacher was arrested y'day in Rohini, for allegedly murdering his wife (a retired DTC employee) & daughter-in-law (an air hostess) over suspicion of them having extramarital affair.The man's younger son was also injured while trying to save the deceased pic.twitter.com/tLLNg8qJy8
— ANI (@ANI) December 7, 2019
भारत में विवाहेत्तर संबंध अपराध नहीं है
बता दें कि विवाहेत्तर संबंधों को लेकर सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक शताब्दी से पुराना विवाहेत्तर संबंधों में सजा देने वाला कानून खत्म करने का फैसला सुनाया था।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 के तहत विवाहेत्तर मामलों में पुरुष के लिए 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान था। महिलाओं के लिए सजा का प्रावधान नहीं था। इस कानून की संवैधानिकता के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा था कि महिला और पुरुष के बीच में भेदभाव नहीं किया जा सकता है, दोनों को समान अधिकार मिलना चाहिए।
पति अपनी पत्नी का मालिक नहीं है। कानून महिला की यौन इच्छाओं का असम्मान करता है। यह पूरी तरह से निजता का मामला है। महिला को समाज की इच्छा के हिसाब से सोचने के लिए नहीं कहा जा सकता है। अडल्ट्री अपराध नहीं है। यह तलाक आधार हो सकता है। अगर इसकी वजह से कोई आत्महत्या करता है तो खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा चलेगा।