'वर्क फ्रॉम होम' जॉब देने के नाम पर ठगी, दिल्ली पुलिस ने चार को दबोचा, ऐसे चलता था पूरा खेल
By विनीत कुमार | Published: November 29, 2021 09:08 AM2021-11-29T09:08:41+5:302021-11-29T09:11:17+5:30
दिल्ली पुलिस ने 'वर्क फ्रॉम होम' जॉब देने के नाम पर ठगी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला भी शामिल है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ करने का दावा किया है जो 'वर्क फ्रॉम होम' दिलाने के नाम पर ठगी करता था। दिल्ली पुलिस की फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (IFSO) इकाई ने रविवार को इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि ये लोगों को फर्जी तौर पर घर से काम दिलाने की बात कहकर लोगों से ठगी करते थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जांचकर्ताओं ने बताया कि आरोपी डेटा एंट्री और वर्क फ्रॉम होम की नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये ऐंठते थे। डीसीपी (IFSO) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि ऐसी कई शिकायतें मिली थी जिसमें कुछ वेबसाइट के जरिए वर्क फ्रॉम होम दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है।
वेबसाइट के जरिए की जाती थी ठगी
पुलिस के मुताबिक आरोपी https://theresumesearch.com, https://www.jobsearchnet.in और https://resumetofill.com जैसी वेबसाइट के जरिए वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी होती थी।
इन वेबसाइटों से लोगों को ऐसे काम दिए जाते थे जिसे पूरा करना लगभग नामुमकिन होता था और फिर बाद में उन्हें कोर्ट में घसीटने की धमकी देकर पैसे वसूले जाते थे। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर एक सर्च से पाया गया कि ठगी के शिकार विभिन्न पीड़ितों द्वारा 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं।
जांच के दौरान मामले में एसीपी (आईएफएसओ) रमन लांबा के नेतृत्व में एक टीम ने दिल्ली से एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान रोहित कुमार, मोहित सिंह और तरुण कुमार के रूप में हुई। महिला के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। तरुण और महिला कॉलर थे। रोहित ने इन वेबसाइटों को बनाया था और फिर बेरोजगार लोगों को डेटा एंट्री जॉब देने के नाम पर ये पूरा खेल शुरू हुआ था।
ऐसे चलता था पूरा खेल
जांचकर्ताओं ने बताया कि फर्जी जॉब पोर्टल्स से डेटा एंट्री और वर्क-फ्रॉम-होम जॉब के नाम पर लोगों से रिज्यूमे लिए गए। इसके बाद इन्हें मैसेज भेजा जाता था उन्हें ऑनलाइन काम दिया जा सकता है।
नौकरी की चाह रखने वालों से कानूनी एग्रीमेंट किया जाता था कि यदि समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो जुर्माना देना होगा। इसके बाद उन्हें असंभव काम दिए जाते थे। काम को पूरा नहीं करने पर लोगों से समझौते के तहत पैसे वसूले जाते थे। यही नहीं, ये जालसाज लीगल नोटिस भेजकर और पैसे की भी मांग करते रहते थे।