एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर कर लोगों के अकाउंट से उड़ाते थे पैसे, दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
By विनीत कुमार | Published: August 4, 2020 07:09 AM2020-08-04T07:09:30+5:302020-08-04T08:56:50+5:30
दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो एटीएम की क्लोनिंग कर लोगों को लूटने का काम करते थे। ये अलग-अलग राज्यों में जाकर इस घटना को अंजाम देते थे।
दिल्ली पुलिस ने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग करने वालों के एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो लोग की गिरफ्तारी भी हुई है। ये गैंग एटीएम बूथ पर लोगों के पैसे निकालने में मदद के बहाने उन्हें निशाना बनाता था। पुलिस ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार जिन दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है इनकी पहचान अनिल कुमार (26) और विनोद कुमार (39) के तौर पर हुई है। ये दोनों कथित तौर पर 100 से ज्यादा लोगों को ठगने का काम कर चुके हैं।
पुलिस ने बताया कि दोनों पर उनकी नजर रविवार को पड़ी जब हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस दिन में करीब 10.25 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची। पुलिस को इस समय तीन संदिग्ध नजर आए जिन्होंने पुलिस की सक्रियता देखकर भागने की कोशिश की थी। इसमें दो पकड़े गए जबकि इनका एक साथी रवि भागने में कामयाब रहा।
पुलिस के अनुसार इनका बैग चेक करने पर विभिन्न बैंकों के 41 एटीएम कार्ड मिले। साथ ही एटीएम क्लोनिंग मशीन और 20 हजार रुपये भी इनके पास से बरामद हुए। पुलिस से पूछताछ में इन्होंने बताया कि रवि इस गैंग का सरगना है और उसने ही अनिल और विनोद को इस रैकेट से जोड़ा था।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (रेलवे) हरेंद्र के सिंह के अनुसार ये अलग-अलग राज्यों में जाते थे और एटीएम के पास आने वाले उन लोगों को निशाना बनाते थे जिन्हें पैसे निकालने या एटीएम से जुड़ा कोई काम करने में दिक्कत आती थी।
उन्होंने बताया, 'ये उन एटीएम बूथ पर इंतजार करते थे, जहां कोई गार्ड नहीं होता था और आम तौर पर उन लोगों को निशाना बनाते जिन्हें एटीएम इस्तेमाल करने में परेशानी होती। रवि दो क्लोनिंग डिवाइस इस्तेमाल करता था। इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदा गया था। वो इस मशीन का इस्तेमाल एटीएम कार्ड से जुड़ी जानकारी चुराने के लिए करता था।'
पुलिस के अनुसार जब भी कोई शख्स एटीएम बूथ पर आता था तो ये उसकी मदद के बहाने पिन जान लेते और इसी दौरान रवि कार्ड को क्लोनिंग मशीन से स्वाइप कर उसका डाटा कॉपी कर लेता था। बाद में इसी की मदद से एक नकली कार्ड बनाया जाता और उसमें हासिल की गई जानकारी डाल दी जाती। इसके बाद एटीएम से ये गैंग पैसे निकाल लेता था।