दिल्लीः देशभर के 1977 लोगों के साथ धोखाधड़ी की, उगाही गिरोह ने किया कारनामा, कंपनियों का पंजीकरण कराकर खातों में लगभग 350 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ, जानें मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2023 09:04 PM2023-06-05T21:04:26+5:302023-06-05T21:06:31+5:30

आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला (32), अनीसभाई अशरफभाई विंची (51), पश्चिम बंगाल निवासी गोकुल विश्वास (53), दिल्ली निवासी अशोक (36), बलवंत (39) और नितिन (24) के रूप में हुई है।

Delhi Fraud 1977 people across country extortion gangs deed registering companies transactions about Rs 350 crore made accounts six arrest | दिल्लीः देशभर के 1977 लोगों के साथ धोखाधड़ी की, उगाही गिरोह ने किया कारनामा, कंपनियों का पंजीकरण कराकर खातों में लगभग 350 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ, जानें मामला

पुलिस ने बताया कि नितिन पहले एक चीनी ऋण ऐप कंपनी में ‘टीम लीडर’ के रूप में काम कर चुका है और वह ऋण ऐप के काम करने के तरीके और वसूली प्रक्रिया से अच्छी तरह से वाकिफ था।

Highlightsपुलिस के मुताबिक, गिरोह ने देशभर के 1977 लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।खातों में लगभग 350 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ है।83 करोड़ रुपये कमीशन काटकर सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए गए थे।

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने करीब दो हजार लोगों को शिकार बनाने वाले एक उगाही गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। यह गिरोह लोगों को तत्काल कर्ज मुहैया कराकर उनसे उगाही करता था। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से गिरोह का संचालन कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला (32), अनीसभाई अशरफभाई विंची (51), पश्चिम बंगाल निवासी गोकुल विश्वास (53), दिल्ली निवासी अशोक (36), बलवंत (39) और नितिन (24) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने देशभर के 1977 लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जय गोयल नामक एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि कुछ व्यक्ति कर्ज ऐप ‘कैश एडवांस’ के जरिये अवैध रूप से लोगों के मोबाइल डेटा तक पहुंच हासिल कर उन्हें तत्काल कर्ज मुहैया करा रहे हैं और उसके बाद कर्ज लेने वालों को ब्लैकमेल कर रहे हैं तथा उनसे पैसों की उगाही कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलीजेंस फ्यूज़न एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन’ (आईएफएसओ) में उपायुक्त (डीसीपी) प्रशांत गौतम ने बताया कि जांच के दौरान आरोपियों के अलग-अलग स्थानों पर होने का पता चला था, जिन्हें छापेमारी के बाद पकड़ लिया गया।

डीसीपी ने बताया कि गिरोह ऐप के जरिये बहुत कम ब्याज दर पर ऋण देता था और ऐप को डाउनलोड करने के दौरान इसके सदस्य लोगों के डेटा तक पहुंच हासिल कर लिया करते थे। पुलिस ने बताया कि डिजिटल माध्यम से पैसा देने के बाद वे ब्याज दर बहुत ज्यादा बढ़ा दिया करते थे।

कर्ज वापस करने के बाद भी वे कर्जदारों या उनके रिश्तेदारों से और पैसों की मांग करते थे तथा इसके लिए वे उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने बताया कि गोकुल, मुस्तजाब, अनीसभाई, अशोक और बलवंत ने कंपनियों का पंजीकरण कराया था और अपने बैंक खाते खोले थे।

पुलिस ने बताया कि इन खातों में लगभग 350 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ है, जिसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटकर फिर से विभिन्न व्यक्तियों को सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए गए थे। पुलिस ने बताया कि नितिन पहले एक चीनी ऋण ऐप कंपनी में ‘टीम लीडर’ के रूप में काम कर चुका है और वह ऋण ऐप के काम करने के तरीके और वसूली प्रक्रिया से अच्छी तरह से वाकिफ था। 

Web Title: Delhi Fraud 1977 people across country extortion gangs deed registering companies transactions about Rs 350 crore made accounts six arrest

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे