चचेरी बहन के रेप के बाद बोरी में भरकर फेंका था सेप्टिक टैंक में, कोर्ट ने सुनाई दोहरी फांसी की सजा
By संजय परोहा | Published: December 20, 2018 12:17 PM2018-12-20T12:17:32+5:302018-12-20T12:17:32+5:30
पुलिस ने जांच के दौरान आनंद से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह बच्ची को लेकर अपने घर आया था और उसके साथ दुष्कृत्य किया था.
मध्यप्रदेश की जिला अदालत जबलपुर ने पांच वर्षीय चचेरी बहन से दुष्कृत्य कर हत्या करने के आरोप में जिला आरोपी युवक को दोहरी फांसी सजा से दण्डित किया है. एडीजे अजय कुमार सिंह मामले में सुनवाई के बाद जारी अपने आदेश में कहा है कि आरोपी द्वारा किये गये कृत्य से समाज में लोगों का भाई-बहन जैसे पवित्र रिश्ते से विश्वास उठ जायेगा. आरोपी ने सुनियोजित वासना से प्रेरित होकर सामाजिक रिश्तों की अवहेलना करते हुए पशुवत प्रकृति से अपराध किया है.
उसके मानसिक सुधार की संभावना नहीं है और वह समाज के लिए खतरा व भय बना रहेगा. आरोपी द्वारा किया गया अपराध विरल से विरलतम प्रकृति का है. मामले में शासन की ओर से पैरवी करते हुए जिला लोक अभियोजक ने न्यायालय को बताया था कि जबलपुर के कटंगी थानान्तर्गत ग्राम जटासी निवासी पांच वर्षीय बच्ची के माता-पिता 19 अगस्त 2018 को दूसरे के खेत में मजदूरी करने गये थे.
वह शाम 7 बजे वापस काम से लौटे तो घर में बच्ची नहीं थी. पतासाजी के दौरान उन्हें यह जानकारी मिली कि लड़की अपने बड़े पिता के लड़के आनंद कुश्वाहा उम्र 19 के साथ देखी गई है. पूछताछ करते पर आनंद ने उन्हें बताया था कि मोटर साईकिल में घुमाने व चाकलेट दिलवाने के बाद उसने बच्ची को घर के पास छोड़ दिया था. तलाश करने पर बच्ची के नहीं मिलने पर 20 अगस्त को परिजनों ने कटंगी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
पुलिस ने जांच के दौरान आनंद से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह बच्ची को लेकर अपने घर आया था और उसके साथ दुष्कृत्य किया था. अधिक खून निकलने के कारण बच्ची बेहोश हो गयी थी जिसके बाद उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी. बाद में मृतिका के शव को उसने बोरी में भरकर घर के पीछे सेप्टिक टैंक में फैंक दिया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद चार दिन में न्यायालय में चालान पेश कर दिया था.
न्यायालय ने आरोपी को धारा 376 (क)सहपठित धारा 376 (क) (ख)तथा धारा 302 में अलग-अलग मृत्युदण्ड की सजा से दण्डित करते हुए पांच-पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा से भी दण्डित किया है. इसके अलावा धारा 376 (2)(च)( झ)के तहत आजीवन कारावास तथा पांच हजार के अर्थदण्ड,धारा 363 के तहत दो वर्ष के कारावास तथा दो हजार रुपए के अर्थदण्ड, धारा 366 (क)के तहत पांच वर्ष के कारावास तथा दो हजार रुपए के अर्थदण्ड और धारा 201 के तहत 5 वर्ष के कारावास तथा दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है.
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अर्थदण्ड की राशि मृतिका के पिता को प्रतिकार के रूप में प्रदान की जाये. साथ ही चूंकि अर्थदण्ड की राशि प्रतिकार के रूप में पुनर्वास के लिए पर्याप्त नहीं है अत: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मध्य प्रदेश राज्य अपराध पीड़ित प्रतिकार योजना 2015 के अंतर्गत प्रतिकार की धनराशि निर्धारित कर भुगतान करने ज्ञापन जारी किया जाये.