सुप्रीम कोर्ट ने डीपी यादव की जमानत याचिका पर सीबीआई से मांगा जवाब, विधायक की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की हुई थी सजा

By भाषा | Published: May 12, 2020 03:16 PM2020-05-12T15:16:54+5:302020-05-12T15:17:10+5:30

न्यायालय ने गाजियाबाद स्थित अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट का संज्ञान लिया था जिसमें कहा गया था कि यादव की रीढ़ की हड्डी का 19 अक्टूबर को आपरेशन किया गया था और उन्हें तीन नवंबर, 2018 तक अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है।

Court seeks reply from CBI on DP Yadav's bail plea, life sentence was punishable for murder of MLA | सुप्रीम कोर्ट ने डीपी यादव की जमानत याचिका पर सीबीआई से मांगा जवाब, विधायक की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की हुई थी सजा

सुप्रीम कोर्ट ने डीपी यादव की जमानत याचिका पर सीबीआई से मांगा जवाब, विधायक की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की हुई थी सजा

Highlightsमहेन्द्र सिंह भाटी को दिसंबर 1992 को दादरी रेलवे क्रासिंग पर गोली मार दी गयी थी। विधायक की हत्या में उनकी भूमिका के लिये 2015 में उम्र कैद की सजा सुनायी थी।

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एक विधायक की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा भुगत रहे पूर्व सांसद डी पी यादव की जमानत याचिका पर मंगलवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा। इस समय देहरादून जेल में बंद पूर्व सांसद डी पी यादव मेडिकल आधार पर जमानत चाहते हैं। उन्हें देहरादून में सीबीआई की अदालत ने गाजियाबाद के दादरी इलाके से विधायक महेन्द्र सिंह भाटी की हत्या में उनकी भूमिका के लिये 2015 में उम्र कैद की सजा सुनायी थी। महेन्द्र सिंह भाटी को दिसंबर 1992 को दादरी रेलवे क्रासिंग पर गोली मार दी गयी थी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुये सीबीआई को नोटिस जारी किया। पीठ ने जांच ब्यूरो से अगले सप्ताह तक इस याचिका पर जवाब मांगा है। यादव की ओर से पेश अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा कि उनके मुवक्किल को इससे पहले गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराने के लिये अंतरिम जमानत मिली थी और बाद में उसने न्यायालय के आदेशानुसार समर्पण कर दिया था।

उन्होंने कहा कि यादव की नयी जमानत याचिका उनके आपरेशन के बाद से हो रही कुछ परेशानियों के निदान के संबंध में हैं।उन्होंने कहा कि जेल अधिकारियों ने भी एम्स में इलाज कराने का सुझाव दिया है। पीठ ने कहा कि वह इस मामले में पहले सीबीआई को सुनना चाहेगी। पीठ ने इसके साथ ही जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने 23 अक्टूबर, 2018 को यादव को समर्पण करने और देहरादून जेल में उम्र कैद की सजा की शेष अवधि गुजारने का निर्देश दिया था।

न्यायालय ने गाजियाबाद स्थित अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट का संज्ञान लिया था जिसमें कहा गया था कि यादव की रीढ़ की हड्डी का 19 अक्टूबर को आपरेशन किया गया था और उन्हें तीन नवंबर, 2018 तक अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। इससे पहले, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने डीपी यादव की जमानत याचिका 14 जून, 2018 को रद्द कर दी थी।

भाटी हत्याकांड में निचली अदालत ने डी पी यादव के साथ ही पाल सिंह, करन यादव और प्रणीत भाटी को हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के अपराध में दोषी ठहराया था। डी पी यादव के राजनीतिक रसूख के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में इस मामले की निष्पक्ष सुनाई पर संदेह व्यक्त किये जाने के बाद इसे उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2000 में देहरादून में सीबीआई अदालत को सौंपा गया था। 

Web Title: Court seeks reply from CBI on DP Yadav's bail plea, life sentence was punishable for murder of MLA

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