migrant crisis: पैदल घर जा रहे श्रमिक की भूख, अत्यधिक चलने और प्यास से मौत
By भाषा | Published: May 20, 2020 03:40 PM2020-05-20T15:40:11+5:302020-05-20T15:40:11+5:30
देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच मजदूर पैदल ही घर जा रहे हैं। महाराष्ट्र के पुणे में अत्यधिक पैदल चलने के कारण एक प्रवासी कामगार की मौत दो गई। पोस्टमार्टम में पता चला है कि पानी की कमी और भोजन न मिलने से मौत हुई है।
औरंगाबादःमहाराष्ट्र के पुणे जिले से पैदल चलकर परभणी स्थित अपने पैतृक स्थान जा रहे चालीस वर्षीय एक श्रमिक की भूख और प्यास से मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अंभोरा पुलिस थाने के सहायक निरीक्षक ज्ञानेश्वर कुकलारे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सोमवार को बीड जिले के धनोरा गांव में पिंटू पवार अपने निवास स्थान से करीब 200 किलोमीटर दूर मृत पाया गया। अधिकारी ने कहा, “बाद में शव परीक्षण होने पर पता चला कि अत्यधिक चलने, भूख और शरीर में पानी की कमी होने के कारण 15 मई के आसपास उसकी मौत हो गई थी।”
मृतक परभणी जिले के एक गांव का रहने वाला था और गन्ने के खेत में काम करता था लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद वह पुणे में अपने भाई के घर रहने चला गया था। इसके बाद उसने अपने गांव जाने का निश्चय किया। आठ मई को वह पैदल निकल पड़ा और 14 मई को अहमदनगर पहुंचा।
श्रमिक के पास मोबाइल फोन नहीं था इसलिए उसने किसी अन्य व्यक्ति के फोन से 14 मई को अपने घर पर संपर्क किया। अधिकारी ने बताया कि वहां से श्रमिक 30-35 किलोमीटर चलकर धनोरा पहुंचा और टिन के एक शेड के नीचे आराम करने लगा। सोमवार को, वहां से गुजरने वाले राहगीरों को बदबू आई तो उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। अधिकारी ने कहा कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो वहां पवार को मृत पाया। उन्होंने कहा कि शव परीक्षण के बाद मृतक के परिजनों से बातचीत कर धनोरा ग्राम पंचायत और पुलिस ने मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।
अब तक चलाई जा चुकी हैं 1,600 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेन: रेलवे
भारतीय रेलवे ने मंगलवार को कहा कि एक मई से लेकर अब तक 1,600 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा चुकी हैं और रेलवे ने 21.5 लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है। रेलवे ने मंगलवार को बताया कि 900 से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश रवाना हुई हैं। वहीं बिहार ने 428 और मध्य प्रदेश ने सौ से अधिक ट्रेनों को अनुमति दी।
वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ''अगले दो दिन में रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या दोगुनी करके 400 प्रतिदिन करेगा। सभी प्रवासियों से अपील है कि वे जहां हैं, वहीं रहें, भारतीय रेल उन्हें कुछ दिनों में उनके घरों तक पहुंचाएगा।’’ मंगलवार को रेलवे ने यह भी कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए अब ट्रेन के गंतव्य स्थान वाले राज्यों की सहमति लेना जरूरी नहीं है।