झारखंड में कोरोना कालः अवसादग्रस्त हो हताशा में कर ले रहे हैं आत्महत्या, प्रतिदिन 5 लोग दे रहे हैं जान
By एस पी सिन्हा | Published: August 10, 2020 05:35 PM2020-08-10T17:35:05+5:302020-08-10T17:35:05+5:30
कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण एक ओर लोगों को जान गंवाने तो दूसरी ओर नौकरी जाने व रोजी-रोजगार छीन जाने का भय सताने लगा है. इस कारण कमजोर इच्छा शक्ति वाले लोग अवसादग्रस्त हो हताशा में आत्महत्या कर ले रहे हैं. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि आत्महत्या करनेवालों में युवा ज्यादा हैं.
रांचीः झारखंड में कोरोना वायरस से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. इससे एक ओर जहां संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है, वहीं, कोरोना के कहर से लोग तनावग्रस्त भी होते जा रहे हैं.
कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण एक ओर लोगों को जान गंवाने तो दूसरी ओर नौकरी जाने व रोजी-रोजगार छीन जाने का भय सताने लगा है. इस कारण कमजोर इच्छा शक्ति वाले लोग अवसादग्रस्त हो हताशा में आत्महत्या कर ले रहे हैं. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि आत्महत्या करनेवालों में युवा ज्यादा हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना काल में प्रतिदिन 5 लोग अपनी जान दे रहे हैं. सीआईपी रांची के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. वासुदेव दास के अनुसार इस कोरोना काल में लोग ज्यादा तनावग्रस्त हो जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि लोग केवल कोरोना से डर रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक बातें भी अहम भूमिका निभा रही हैं. इसके कारण कमजोर इच्छा शक्ति वाले लोग जल्द हीं सभी बातों को निगेटिव हीं सोचने लगते हैं.
कई लोग छोटी-छोटी परेशानियों, बाधाओं, दुखों से अवसाद में चले जाते हैं, जो उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित करता है. इसपर काबू पाना भी एक चुनौती के रूप में सामने आ रहा है. उसकी एक वजह यह भी है कि परिवार में अब आपसी तालमेल का अभाव देखा जा रहा है.
परिवार का हर सदस्य किसी ना किसी इलेक्ट्रोनिक्स गजेट से बंधा दिखता है. हर कोई अपने आप में मशगूल रह रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कौन क्या कर रहा है, यह कोई जान ही नहीं पाता है. मसलन परिवार में अगर चार सदस्य हैं तो सभी अपने-अपने स्मार्ट फोन पर व्यस्त दिखते हैं, जिसके चलते एक दूसरे की दुख-तकलीफ अथवा मन की बातों को आपस में शेयर नहीं हो पाना भी तनाव को. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि सभी एक दूसरे से आपस में सुख-दुख शेयर करें, अन्यथा स्थिती और भी भयावह हो सकती है. इधर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा है कि बेरोजगारी झारखंड राज्य की समस्या है.
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इन चुनौतियों से निबटने के लिए प्रतिबद्ध और प्रयासरत है. इससे भी युवा वर्ग अवसाद में चले जा रहे हैं. इसपर भी सरकार की नजर है और जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आयेंगे. लेकिन युवाओं को इससे अवसादग्रस्त होना ठीक बात नही है.
उनमें सकारात्मक विचार उत्पन्न करने की दिशा में भी काम किया जायेगा. यहां यह भी बता दे कि राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या 178 हो गया है. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 18,255 हो गई है.
अब तक इस बीमारी से 9,049 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं एक्टिव केस की संख्या 9,028 है. राज्य में कोरोना संक्रमण से हो रही मौत के मामले में पूर्वी सिंहभूम सबसे टॉप है. जिले में अब तक कोरोना संक्रमण के 63 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद रांची की नंबर आता है. यहां संक्रमण से 29 लोगों की मौत हुई है.