migrant crisis: गाड़ी का पहिया निकला, दो मजदूरों की मौत, 23 घायल, सीएम आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त की
By भाषा | Published: May 18, 2020 10:01 PM2020-05-18T22:01:18+5:302020-05-18T22:01:18+5:30
देश में जारी लॉकडाउन के बीच मजदूरों को चलना जारी है। वह पैदल घर का रास्ता नाप रहे हैं। सड़क दुर्घटना में कई प्रवासी कामगारों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश में हादसा रोज हो रहा है।
उन्नावः उन्नाव जिले के बेहटा मुजावर क्षेत्र में सोमवार को प्रवासी श्रमिकों को ले जा रही एक गाड़ी का पहिया निकल जाने के कारण हुए हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई जबकि 23 अन्य घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये व गम्भीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर ने बताया कि दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके से लगभग 25 मजदूरों को लेकर आजमगढ़ जा रही एक पिकअप बोलेरो गाड़ी उन्नाव के बेहटा मुजावर थाना क्षेत्र स्थित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर गौरिया कलां के पास पहिया निकल जाने की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
उन्होंने बताया कि इस हादसे में घायल हुए सभी मजदूरों को पुलिस ने औरास और बांगरमऊ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया, जहां गंभीर रूप से घायल रामजी (28) और सुरेन्द्र कुमार आंचल (40) की इलाज के दौरान मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल मजदूरों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये तथा गम्भीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर पीड़ितों को हर सम्भव राहत प्रदान करने तथा सभी घायलों का समुचित उपचार कराने के भी निर्देश दिए हैं।
मथुरा में घर लौट रहे तीन मजदूरों की मौत
कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन में घर लौट रहे तीन श्रमिकों की अलग-अलग हादसे में मौत हो गई लेकिन इससे भी ज्यादा दुखद यह था कि उनके परिजन के पास शवों को घर तक ले जाने के लिए पैसे नहीं थे। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मदद की पेशकश करते हुए साथियों की सहायता से उनके लिए न केवल एंबुलेंस मुहैया कराई, बल्कि रास्ते में भोजन के लिए कुछ पैसों का इंतजाम भी किया। शुक्रवार की शाम मथुरा जीआरपी एवं आरपीएफ को सूचना मिली कि अलवर से बलिया जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में किसी मजदूर की तबियत खराब है।
रेलवे सुरक्षा बल कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान प्रसाद रेलवे चिकित्सक धीरेंद्र गुप्ता के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे। ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसमें सवार गंभीर रूप से बीमार 54 वर्षीय शिवजी प्रसाद को स्टेशन पर उतारा गया। रेलवे चिकित्सक ने उसकी हालत की गंभीरता को देखते हुए तुरंत अस्पताल ले जाने की सलाह दी। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। प्रसाद के साथ यात्रा कर रही उसकी पत्नी बुधला देवी व बड़ा पुत्र बजरंगी के पास शव को बलिया तक ले जाने के लिए पैसे नहीं थे। वहीं एक अन्य हादसे में दिल्ली में वेल्डिंग का काम करने वाले 29 वर्षीय जिया उल हक अपने 25 वर्षीय साले सुहेल एवं शमशाद के साथ बाइक से घर जाने के लिए शुक्रवार रात निकला।
शनिवार सुबह यमुना एक्सप्रेस-वे पर बाइक फिसल जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई और बाइक चला रहा शमशाद व सुहेल घायल हो गए। महावन पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सुहेल के पास भी शव को पश्चिम चम्पारण ले जाने और खाना खाने तक के पैसे नहीं थे। इन दोनों परिवारों की इस परिस्थिति का जब जिलाध्यक्ष दीपक चौधरी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पता चला तो उन्होंने कांग्रेस विधान मण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा को मजदूर परिवारों की व्यथा बताई।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया कि मिश्रा ने जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र से बात की जिस पर उन्होंने दोनों मजदूर परिवारों की मदद के लिए सहायक स्टाम्प महाप्रबंधक अरुण प्रकाश के माध्यम से एंबुलेंस की व्यवस्था कराई तथा राह खर्च के लिए कुछ धनराशि भी प्रदान की। इसके अलावा एक अन्य मजदूर की बस से गिरकर मौत हो गई।
वह कोसीकलां से बसों में बैठकर घर वापस जा रहे मजदूरों की बस पर चढ़ गया था किंतु रास्ते में बस से गिर जाने पर उसकी मृत्यु हो गई। उसकी अभी तक शिनाख्त नहीं हुई है। थाना प्रभारी आजाद पाल सिंह का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है तथा उसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।