migrant crisis: एक और कामगार की गई जान, घर से 30 km दूर पैदल चलकर ट्रेन पकड़ने जाते समय रेलवे स्टेशन पर हादसा
By भाषा | Published: May 15, 2020 05:44 PM2020-05-15T17:44:55+5:302020-05-15T17:44:55+5:30
देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच प्रवासी कामगार घर जाने को आतुर है। कई मजदूरों की जान चली गई। महाराष्ट्र में श्रमिक वसई रोड रेलवे स्टेशन पर बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई।
मुंबईःअपने घर से 30 किलोमीटर दूर पैदल चलकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पकड़ने आया राजस्थान का 45 वर्षीय एक श्रमिक वसई रोड रेलवे स्टेशन पर बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना बृहस्पतिवार शाम को हुई और मृतक की पहचान ठाणे जिले के भायंदर के निवासी हरीश चंद्र शंकर लाल के रूप में की गई है। अधिकारी ने कहा कि राजस्थान स्थित अपने गृह नगर जाने के वास्ते श्रमिक स्पेशल ट्रेन पकड़ने के लिए उक्त मजदूर अपने स्थानीय आवास से 30 किलोमीटर पैदल चलकर वसई रोड स्टेशन आया था।
उन्होंने कहा कि शंकर लाल पेशे से बढ़ई था और एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शंकर लाल बेरोजगार हो गया था। अधिकारी ने कहा कि श्रमिक और उसके कुछ दूर के रिश्तेदारों ने स्पेशल ट्रेन से गृह नगर वापस जाने की योजना बनाई थी। बुधवार को उन्हें सूचना मिली कि बृहस्पतिवार को राजस्थान के लिए एक विशेष ट्रेन जाने वाली है। अधिकारी ने बताया कि शंकर लाल बृहस्पतिवार दोपहर को प्रचंड गर्मी में मुंबई- अहमदाबाद राजमार्ग पर दौड़ता और चलता रहा ताकि वह स्टेशन पहुंच सके।
श्रमिक के पास कोई निजी वाहन या ऑटोरिक्शा करने तक के पैसे नहीं थे। अधिकारी ने कहा कि स्टेशन पहुंचने पर उसकी तबियत खराब हो गई, जिसके कारण उसने उल्टी भी की। मानिकपुर थाने की पुलिस श्रमिक को अस्पताल ले गई जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस संबंध में मानिकपुर थाने में दुर्घटना वश मौत का मामला दर्ज किया गया है। भायंदर में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों का कहना है कि उन्हें रेलवे स्टेशन तक ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। वसई के तहसीलदार किरण सुरवसे से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि केवल वसई में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन पहुंचाने के लिए व्यवस्था की गई थी और भायंदर उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आता।