migrant crisis: 300 किमी चले पैदल, लू और गर्मी ने ली कामगार की जान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2020 05:23 PM2020-05-13T17:23:00+5:302020-05-13T17:23:00+5:30

देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच प्रवासी कामगार अपने गांव जा रहे हैं। हजारों किमी पैदल चलकर गांव पहुंचने से पहले कई मजदूर की जान चली गई।

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मित्रों ने पुलिस को इस बारे में सूचित किया, जिसने उसे भद्राचलम के अस्पताल में भर्ती कराया। (file photo)

Highlightsअधिकारियों ने बताया कि प्रवासी मजदूरों का समूह ओडिशा के मलकानगिरी जाने के लिए रविवार को हैदराबाद से पैदल निकला था। जब समूह मंगलवार को भद्राचलम पहुंचा, तो एक प्रवासी मजदूर के सीने में दर्द हुआ और उसने उलटी की, जिसके बाद वह बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ा।

हैदराबादःकोविड-19 संक्रमण को काबू करने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण हैदराबाद से अपने गृह राज्य ओडिशा पैदल जा रहे एक प्रवासी मजदूर की 300 किलोमीटर चलने के बाद भद्राचलम में संभवत: लू लगने से मौत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि प्रवासी मजदूरों का समूह ओडिशा के मलकानगिरी जाने के लिए रविवार को हैदराबाद से पैदल निकला था। उन्होंने बताया कि जब समूह मंगलवार को भद्राचलम पहुंचा, तो एक प्रवासी मजदूर के सीने में दर्द हुआ और उसने उलटी की, जिसके बाद वह बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ा।

उसके मित्रों ने पुलिस को इस बारे में सूचित किया, जिसने उसे भद्राचलम के अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि व्यक्ति की मौत संभवत: लू लगने से हुई, क्योंकि उसकी त्वचा और मुंह सूखा हुआ था।

उन्होंने व्यक्ति के मित्रों के हवाले से बताया कि उनमें से किसी भी व्यक्ति ने सोमवार दोपहर के बाद से कुछ भी नहीं खाया था। अधिकारियों ने व्यक्ति के परिजन को उसकी मौत की सूचना दी और शव को मलकानगिरी ले जाने के लिए एक वाहन का प्रबंध किया। हैदराबाद और भद्राचलम के बीच सड़क से दूरी 310 किलोमीटर है।

महाराष्ट्र से अब तक 35 ट्रेनों से 42,000 प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया: अधिकारी

महाराष्ट्र से अब तक 35 ट्रेनों से 42,000 प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशव्यापी बंद की वजह से फंसे हुए लोगों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों के परिचालन की अनुमति दी थी। अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘‘ अब तक महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 35 ट्रेनें 42,000 मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए जा चुकी हैं।

प्रवासी श्रमिकों के लिए ज्यादा ट्रेनें चलाने के रेलवे के फैसले के बाद आने वाले दिनों में इस संख्या में इजाफा होगा।’’ महाराष्ट्र से अपने घर जाने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक स्थानीय पुलिस के पास पंजीकरण करा रहे हैं। राज्य में लंबी दूरी वाली ट्रेनों से संबंधित रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक आ रहे हैं जो जल्द से जल्द अपने घर लौटना चाहते हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने घर जा रहे प्रवासी श्रमिकों को मध्य प्रदेश से लगती हुई राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए करीब 300 बसों का परिचालन भी किया है।

एमएसआरटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह व्यवस्था अपने घरों के लिए पैदल ही रवाना हुए मजदूरों को सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है। एमएसआरटीसी नासिक, पुणे और मुंबई से श्रमिकों के लिए बसें चला रही हैं। अधिकारी का कहना है कि एमएसआरटीसी ने इन प्रवासी श्रमिकों को राज्य की सीमा तक ही पहुंचाने का निर्णय लिया है ताकि उनकी यात्रा से जुड़ी तकलीफ कुछ कम हो सके।

 

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