'शांति' दिखाने के चक्कर में 'सुरक्षा और न्याय' की खुद ही आहुति दे रही दिल्ली पुलिस
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 15, 2019 03:08 PM2019-05-15T15:08:02+5:302019-05-15T15:08:02+5:30
आरोप है कि एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला पुलिस के पास लूट की शिकायत लेकर गई थीं, लेकिन पुलिस ने उनकी मदद से पहले अपना रेकॉर्ड दुरुस्त रखना जरूरी समझी। महिला ने कहा कि उसके साथ दो अज्ञात बदमाशों ने गर्दन दबाकर लूटपाट की, लेकिन पुलिस ने झपटमारी की एफआईआर लिख दी।
दिल्ली पुलिस के स्लोगन में शांति, सुरक्षा और न्याय है, लेकिन वह 'शांति' कायम करने के चक्कर में कई बार ऐसे काम कर देती है कि उसकी नियत पर सवाल उठने लगते हैं।
आरोप है कि एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला पुलिस के पास लूट की शिकायत लेकर गई थीं, लेकिन पुलिस ने उनकी मदद से पहले अपना रेकॉर्ड दुरुस्त रखना जरूरी समझी। महिला ने कहा कि उसके साथ दो अज्ञात बदमाशों ने गर्दन दबाकर लूटपाट की, लेकिन पुलिस ने झपटमारी की एफआईआर लिख दी।
हालांकि डीसीपी ने गुरुवार सुबह कहा कि इस गड़बड़ को दुरुस्त कर लिया गया है। लूट की धाराएं जोड़ दी गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, पटेल नगर पुलिस को सोमवार रात मनमोहिनी ने शिकायत देते हुए अपने साथ लूटपाट की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने झपटमारी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर दी।
लूट जघन्य अपराध की श्रेणी में आती है, जबकि झपटमारी कम गंभीर मानी जाती है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि मनमोहिनी (70) सोमवार रात मंदिर से लौट रही थीं। घर के पास दो युवकों ने उनको रोक लिया। एक ने गर्दन दबा दी, जबकि दूसरे ने सोने की चेन और अंगूठी लूट ली। इसके बाद फरार हो गए।
मनमोहिनी ने अपने बेटे नरेंद्र को जानकारी दी। फिर पुलिस को शिकायत दी गई। नरेंद्र ने बताया कि पुलिस को घटना सही तरीके से बताई गई थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दी तो उसमें झपटमारी लिखी गई थी। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई और उन्होंने गलती सुधारने की बात कही।
नरेंद्र इस फर्क को नहीं समझते होते तो यह अपराध पुलिस के रजिस्टर में झपटमारी बनकर दर्ज रह गया होता।
शुरुआत में गड़बड़ी हुई थी, लेकिन जानकारी मिलने के बाद उसको ठीक कर लिया गया। यह घटना लूट की ही थी, जिसके बाद पुलिस ने लूट की धाराएं जोड़ दी है।
एमएस रंधावा, डीसीपी सेंट्रल