मध्य प्रदेशः जुड़वा बच्चों की हत्या पर बिलख पड़े पिता- फिरौती लेकर भी बच्चों को मार दिया, सूबे में सियासी उबाल
By आदित्य द्विवेदी | Published: February 25, 2019 10:34 AM2019-02-25T10:34:38+5:302019-02-25T12:24:11+5:30
मध्यप्रदेश के चित्रकूट में दो जुड़वा भाइयों को किडनैप कर हत्या कर दिए जाने से तनाव का माहौल है। वाहनों पर राजनीतिक पार्टी के झंडे लगे होने के खुलासे के बाद राजनीतिक गहमा-गहमी शुरू हो गई है।
मध्य प्रदेश के चित्रकूट में 12 फरवरी को पांच वर्षीय दो जुड़वा भाइयों का स्कूल बस से अपहरण कर लिया गया था। 11 दिन बाद यूपी के बांदा में बबेरू घाट पर मासूमों का शव बरामद हुआ। इस हत्याकांड से दोनों सूबों में हड़कंप मच गया है। घटना में इस्तेमाल वाहनों में राजराज्य की नंबर प्लेट और राजनीतिक पार्टी का झंडा लगा होने के खुलासे के बाद सियासी घमासान भी मच गया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है।
जुड़वा बच्चों की मौत पर बिलखते हुए पिता बृजेश रावत ने कहा, ''जिंदा नदी में फेंक दिया। फिरौती भी ले लिए और मेरे बच्चों को खत्म कर दिया... केवल पैसों के लिए,' उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को किडनैपर्स को 20 लाख रुपये दिए थे और उसी दोपहर उनसे आखिरी बार बात की थी। पिता ने कहा कि ऐसे लोगों को समाज में रहने का अधिकार नहीं है। उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए।
इस बीच पुलिस ने खुलासा किया है कि किडनैप में इस्तेमाल बाइक में नंबर प्लेट की जगह 'राम राज्य' लिखा था। इसके अलावा कार में बीजेपी का झंडा लगा था। चित्रकूट में लोगों में आक्रोश है जिसके बाद शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। इएसपी सतना संतोष कुमार गौर ने बताया कि इस घटना में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक आरोपी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था।
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा, 'सोना चाहता हूं, लेकिन आंखों में नींद नहीं है, मन बेचैन है, कैसे शांति पाऊं, यही सोच रहा हूं! अभी प्रियांश और श्रेयांश दोनों बेटों के पिता जी से मिलकर आ रहा हूं। अंतरात्मा रो रही है, मन दर्द से भरा हुआ है आखिर कोई इतना हृदयहीन कैसे हो सकता है कि मासूम बच्चों को जिनके पिता ने उन्हें बचाने के लिए फिरौती दे दी थी, उनको मारने में हाथ भी न कांपे।'
सोना चाहता हूं, लेकिन आंखों में नींद नहीं है, मन बेचैन है, कैसे शांति पाऊं, यही सोच रहा हूं!
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 24, 2019
बाइक पर 'राम राज्य' और कार में बीजेपी का झंडा
रीवा के आईजी चंचल शेखर ने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी पद्म शुक्ला है। अन्य आरोपी के नाम हैं- रामकेश, पिंटा यादव, राकेश द्विवेदी, आलोक सिंह और विक्रमजीत सिंह। आईजी ने बताया कि मुख्य आरोपी का छोटा भाई विष्णुकांत बजरंग दल का क्षेत्र समन्वयक है लेकिन उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस के मुताबिक इस वारदात में कार और बाइक का इस्तेमाल किया गया। बाइक पर प्लेट नंबर की जगह राम राज्य लिखा था और कार में बीजेपी का झंडा लगा था। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने बच्चों को 21 फरवरी को ही मार दिया था।
Chitrakoot twins abduction & murder case: Vehicles used in the crime seized by police. 6 persons have been arrested. #MadhyaPradeshpic.twitter.com/p6qsErWH5Z
— ANI (@ANI) February 24, 2019
सीएम कमलनाथ ने क्या कहा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीड़ित बच्चों के पिता से बात की है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे की राजनीति को भी बेनकाब किया जाएगा। पुलिस खुलासा कर रही है कि वाहन में किस पार्टी का झंडा लगा था। विपक्ष डरा हुआ है क्योंकि इस मामले में उनके लोग शामिल हैं।
चित्रकूट से अपहृत दो मासूम देवांश और प्रियांश का शव मिलना अत्यंत दुःखद है। बच्चों के पिता श्री ब्रजेश रावत से फोन पर बात हुई है। मैंने उन्हें भरोसा दिया है कि मासूमों की हत्या करने वाले अपराधियों को हर हाल में कड़ी सजा मिलेगी- श्री कमल नाथ, मुख्यमंत्री@JansamparkMPpic.twitter.com/grGvjuvHiW
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) February 24, 2019
फिरौती देने के बाद भी हत्या
पुलिस के मुताबिक पांच वर्षीय श्रेयांस और प्रियांश चित्रकूट धाम में रहते थे। उनके पिता तेल के व्यापारी हैं। 12 फरवरी को दोनों बच्चे मध्य प्रदेश में आने वाले चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ने गए थे। तभी बदमाशों ने बंदूक की नोक पर बच्चों का किडनैप कर लिया।
अपहरणकर्ताओं ने 50 लाख की फिरौती की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिता ने 20 लाख रुपये दे दिए थे लेकिन इसके बावजूद 11 दिन बाद बच्चों की लाश हाथ लगी। मासूम बच्चों के शरीर की हालत बता रही थी कि उनके साथ हैवानियत की गई है।
पुलिस की बड़ी नाकामी
यह मामला यूपी और एमपी दोनों राज्यों से जुड़ा था। दोनों राज्यों की पुलिस ने मामले के लिए 26 टीमें गठित की थी जिसमें कई आलाधिकारी भी शामिल थे। लेकिन बच्चों की मौत पुलिस की नाकामी पर मुहर लगा दी है।