वकीलों की हड़ताल के चलते नहीं दाखिल हो पायी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी

By भाषा | Published: September 21, 2019 08:20 PM2019-09-21T20:20:56+5:302019-09-21T20:20:56+5:30

स्वामी चिन्मयानंद को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को शाहजहांपुर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इससे कुछ सप्ताह पहले उनके एक कॉलेज की विधि की एक छात्रा ने उन पर बलात्कार के आरोप लगाये थे। 

Chinmayanand's bail application could not be filed due to lawyers strike | वकीलों की हड़ताल के चलते नहीं दाखिल हो पायी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी

चिन्मयानंद साधारण कैदियों की तरह बैरक में अन्य बंदियों के साथ रह रहे हैं।

Highlightsस्वामी चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी शनिवार को वकीलों की हड़ताल की वजह से दाखिल नहीं हो सकी।चिन्मयानंद को शुक्रवार को जिला कारागार लाया गया था।

कानून की छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी शनिवार को वकीलों की हड़ताल की वजह से दाखिल नहीं हो सकी। उधर दूसरी ओर जेल में चिन्मयानंद की पहली रात आराम से कटी और वह पांच घंटे सोए और सुबह उठकर एक घंटे ध्यान भी लगाया।

जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद को शुक्रवार को जिला कारागार लाया गया था। चिन्मयानंद ने इसके बाद दोपहर और शाम का भोजन किया। रात में चिन्मयानंद साढ़े दस बजे सोए और सुबह साढ़े तीन बजे जाग गए। उन्होंने बताया कि चिन्मयानंद ने इसके बाद लगभग एक घंटे ध्यान लगाया तथा पांच बजे बैरक खुलने तक वह अंदर ही टहलते रहे। जेल अधीक्षक ने बताया कि आज सुबह चिन्मयानंद ने दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के पश्चात सुबह नाश्ते में बंदियों को मिलने वाली चाय पी और दलिया खाया।

दोपहर में उन्होंने दाल-रोटी और सब्जी खाई। उन्होंने बताया कि चिन्मयानंद को कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही है। चिन्मयानंद साधारण कैदियों की तरह बैरक में अन्य बंदियों के साथ रह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एसआईटी सूत्रों ने बताया कि चिन्मयानंद मामले में पांच करोड़ रूपये की रंगदारी मांगने वाले आरोपी संजय, विक्रम और सचिन के अलावा ‘मिस ए’ (पीड़िता) भी है लेकिन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत पीड़िता का नाम बताया नहीं जा सकता।

चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि आज शनिवार होने के कारण यहां जिला अदालत के अधिवक्ता हड़ताल पर रहते हैं। अधिवक्ता लंबे समय से शाहजहांपुर को लखनऊ उच्च न्यायालय की पीठ से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसीलिए प्रत्येक शनिवार को यहां के अधिवक्ता हड़ताल पर होते हैं। इसी के चलते आज चिन्मयानंद की जमानत अर्जी दाखिल नहीं की जा सकी।

 

Web Title: Chinmayanand's bail application could not be filed due to lawyers strike

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