चीनी ऐप के खिलाफ धनशोधन की जांच शुरू, अंशकालिक नौकरी के बहाने युवाओं के साथ धोखाधड़ी, 5.85 करोड़ जब्त, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 3, 2022 07:25 PM2022-10-03T19:25:41+5:302022-10-03T19:26:38+5:30
संघीय एजेंसी ने सोमवार को कहा उसने बेंगलुरु में कम से कम 12 कंपनी पर छापा मारा, जो ऐप ‘कीपशेयरर’ से संबद्ध हैं और इस कार्रवाई में 5.85 करोड़ रुपये मूल्य का धन जब्त किया गया।
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंशकालिक नौकरी उपलब्ध कराने के बहाने युवाओं के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने को लेकर चीन नियंत्रित एक मोबाइल ऐप के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। अंशकालिक नौकरी के तहत सोशल मीडिया मंचों पर ‘सेलिब्रिटी’ के वीडियो ‘अपलोड’ करना और उन्हें ‘लाइक’ करना शामिल था।
संघीय एजेंसी ने सोमवार को कहा उसने बेंगलुरु में कम से कम 12 कंपनी पर छापा मारा, जो ऐप ‘कीपशेयरर’ से संबद्ध हैं और इस कार्रवाई में 5.85 करोड़ रुपये मूल्य का धन जब्त किया गया। ईडी ने एक बयान में कहा कि जांच में यह पाया गया कि भोले-भाले लोगों, खासतौर पर युवाओं के साथ कुछ चीनी नागरिकों ने एक मोबाइल ऐप के जरिये धोखाधड़ी की, जिसका नाम कीपशेयरर है।
दरअसल, उन्होंने लोगों को अंशकालिक नौकरी देने का वादा किया था और उनसे धन एकत्र किया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि चीनियों द्वारा स्थापित कंपनियों ने यहां कई भारतीयों की भर्ती निदेशक, अनुवादक, मानव संसाधन प्रबंधक और टेली-कॉलर के रूप में की। इसने कहा, ‘‘उन्होंने भारतीयों के दस्तावेज हासिल किए और बैंक खाते खोले।
आरोपी चीनी नागरिकों ने ऐप विकसित किया और व्हाट्सऐप तथा टेलीग्राम के जरिये इसका विज्ञापन देना शुरू किया।’’ ईडी ने कहा, ‘‘यह ऐप एक निवेश ऐप से जुड़ा हुआ था और पहले ऐप पर पंजीकरण के जरिये उन्होंने युवाओं से पैसे एकत्र किए।’’
आरोपियों ने इस ऐप के जरिये निवेश के नाम पर भी लोगों से धन एकत्र किया, जबकि युवाओं को सेलिब्रिटी के वीडियो ‘लाइक’ करने तथा उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने का काम दिया गया। एजेंसी ने दावा किया, ‘‘काम पूरा होने पर, वे प्रति वीडियो 20 रुपये उनके कीपशेयरर वालेट में जमा कर देते थे। कुछ समय तक पैसा जमा किया गया लेकिन बाद में ऐप को ‘प्ले स्टोर’ से हटा लिया गया।
इस तरह लोगों के साथ उनके निवेश को लेकर धोखाधड़ी की गई।’’ एजेंसी ने कहा कि इस घोटाले के जरिये एकत्र किये गये धन का हेरफेर बेंगलुरु की कुछ कंपनी के खातों के जरिये किया गया और फिर इन्हें क्रिप्टो करेंसी में तब्दील कर चीन स्थित क्रिप्टो एक्सचेंज में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने एक आरोपपत्र में कहा था कि 92 आरोपियों में से छह चीनी नागरिक जबकि एक ताइवानी नागरिक है, जो पूरे घोटाले को नियंत्रित कर रहे थे।