झारखंड: संथाल परगना का इलाका बना साइबर अपराधियों का नर्सरी, दी जाती है बच्चों को मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 11, 2019 07:18 PM2019-01-11T19:18:36+5:302019-01-11T19:18:36+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि साहिबगंज के तीन पहाड़ में बच्चों को मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग देकर देश भर में भेजा जाता है. जांच पडताल में जो तथ्य सामने आए हैं।
झारखंड का संथाल परगना का इलाका साइबर अपराध का नर्सरी बन चुका है. साइबर अपराधियों के नेटवर्क का बिस्तार जामताडा से फैलते हुए देवघर के रास्ते जमुई व बिहार की सीमावर्ती इलाकों तक फैल गया है. झारखंड पुलिस ने बिहार में झारखंड के साइबर अपराधियों की गतिविधि से संबंधित रिपोर्ट भी बिहार पुलिस को भेजी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि साहिबगंज के तीन पहाड़ में बच्चों को मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग देकर देश भर में भेजा जाता है. जांच पडताल में जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक, बीते छह माह में ठगी के सर्वाधिक कॉल देवघर के 318 मोबाइल लोकेशन से की गई है. जबकि जामताडा के 180 और गिरिडीह के 143 लोकेशन से ठगी के कॉल हुए हैं.
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने साइबर ठगी के मामलों में हजारों मोबाइल नंबरों को चिन्हित किया है. इन नंबरों की सक्रियता किस मोबाइल टॉवर लोकेशन में है, इसकी पड़ताल की गई. अब साइबर अपराध प्रभावित इलाकों की हिट मैपिंग की जाएगी. हिट मैपिंग कर इलाकों में सर्विलांस बढ़ाया जाएगा. इसके बाद रणनीति के तहत साइबर अपराध को शून्य करने की कवायद होगी.
वहीं, साइबर अपराधियों की गतिविधि को लेकर कार्रवाई योग्य सूचनाएं जुटाने की रणनीति पुलिस मुख्यालय तैयार कर रही है. अपराधियों के तौर तरीकों की जानकारी देने के लिए प्रचार प्रसार पर जोर दिया जा रहा है. प्रभावित इलाकों में सक्रिय सभी मोबाइल नंबरों के कॉल डंप निकाल कर वैसे नंबरों को चिन्हित किया जा रहा है, जिनसे आउटगोइंग कॉल की संख्या शून्य हो. आशंका जताई गई है कि इन नंबरों को ही बाद में साइबर अपराधी इस्तेमाल में लाते हैं.