छत्तीसगढ़: राजनांदगांव की पुलिस ने सुलझाया "शा झू पान" का मामला, जानिए क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड की दिलचस्प कहानी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 1, 2022 10:34 PM2022-07-01T22:34:52+5:302022-07-01T22:39:08+5:30
क्रिप्टोकरेंसी धोखधड़ी के अन्तर्राष्ट्रीय ठगी का पर्दाफाश करते हुए राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि राजनांदगांव के डॉक्टर अभिषेक पाल के साथ करोड़ों की ठगी की गई थी, जिसके तार सीधे चीन से जुड़ रहे हैं।
राजनांदगांव:छत्तीसगढ़ पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी धोखधड़ी के मामले में बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए 3 महीने के भीतर “शा झू पान“ (चीन की भाषा में- रोमांटिक घोटाला) मामले को सुलझा लिया है।
इस मामले में जानकारी देते हुए राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में चर्चित "शा झू पान" तरीके से ठगे गये पीड़ित डॉक्टर अभिषेक पाल ने उनसे मुलाकात करके इस मामले में अपने साथ हुए अपराध की शिकायत की।
एसपी संतोष सिंह ने मामले में फौरन कार्रवाई के लिए कोतवाली को निर्देश दिया। जिसके आधार पर थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 264/2022 के तहत आईपीसी की धारा 420, 406 66, 66डी आई.टी. एक्ट के तहत मुकदमा कायम किया गया और मामले की जांच की जिम्मेदारी नगर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव गौरव राय को दी गई।
सिटी एसपी गौरव राय ने जब मामले की तहकीकात शुरू की तो उन्हें पता चला कि "एना-ली" नाम के एक संदिग्ध ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर पीड़ित डॉक्टर अभिषेक पाल से दोस्ती की।
उसके बाद संदिग्ध "एना ली" ने पीड़ित अभिषेक पाल को विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मेटाट्रेडर-5 में निवेश करने के लिए एक ब्रोकर ऑर्डे कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड, जो कि लंदन में पंजीकृत एक शेल कंपनी है और क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर के लिए एक फर्जी वेबसाइट insafx.com के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांसफर करके धोखा दिया।
पीड़ित ने मेटाट्रेडर-5 में 35,000 अमेरीकी डॉलर की राशि यानी लगभग 31 लाख रुपये का निवेश किया था और उसका पोर्टफोलियो बढ़कर 107825 अमेरीकी डॉलर हो गया था। लेकिन जब बाद में पीड़ित पाल ने वहां से अपनी धनराशि निकालने की कोशिश की तो संदिग्ध ने "एना-ली" उनके खाते को फ्रीज कर दिया और उनके साथ 107825 अमेरीकी डॉलर की ठगी की।
जांच के क्रम में यह बात भी सामने आयी कि संदिग्ध “एना-ली“ ने पीड़ित को धोखा देने के लिए ताइवान के ताइपे नामक जगह की एक इंस्टाग्राम स्टार स्टेफ़नी तेह की तस्वीरों का उपयोग करके एक फेक अकाउंट बनाया था।
पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी के फ्लो को परखने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेल का मैप तैयार किया और सैकड़ों वॉलेट पते और हजारों लेनदेन का विश्लेषण करने के बाद तीन वॉलेट पते पर पुलिस की निगाह टिकी। वो वॉलेट पते लियू कियांग, विंग सैन त्से और गुओ पैन के नाम से रजिस्टर्ड थे। तीनों ही वॉलेट चीनी नागरिकों से जुड़े थे।
मामले के जांच अधिकारी ने फौरन तीनों वॉलेट को फ्रीज करवा दिया, जिसमें करीब 4 करोड़ रुपये थे। इस एक्शन के बाद अब राजनांदगांव की पुलिस इस रकम को जब्त करने की प्रक्रिया में है। इस मामले में बात करते हुए राजनांदगांव के एसपी संतोष सिंह ने संभावना जताई कि इस विदेशी ठगों के फैलाए "शू झू पान" स्कैम में कई और भी भारतीय शिकार हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि "शा झू पान" घोटाला आमतौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया में होता है, जिसके तार सीधे चीन से जुड़ते हैं। इस घोटाले की प्रमुख विशेषता यह है कि संदिग्ध ठग पीड़ित को धोखा देने के लिए पीड़ित के साथ धीरे-धीरे दोस्ती का संबंध बनाता है। उसके बाद उसे अपनी जाल में फंसा कर उनके साथ क्रिप्टोकरेंसी की धोखाधड़ी को अंदाम देते हैं।
उन्होंने कहा कि यह ठग कॉरपोरेट स्ट्रक्चर की तरह काम करते हैं, जिनके अपने कार्यालय होते हैं और उसमें काम करने वाले कर्मचारी संगठित रूप से ठगी का काम करते हैं। Global Anti Scam Organization के अनुसार, "शू झू पान" के जरिये हर साल पूरी दुनिया में अरबों डॉलर की ठगी होती है। साल 2021 में अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन ने बताया था कि केवल अमेरिका में इस तरह के घोटालों से लगभग 1 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हुआ है।
इस मामले में राजनांदगांव के एसपी संतोष सिंह ने कहा कि पब्लिक को इंटरनेट पर मिले किसी व्यक्ति के अनुरोध पर किसी भी तरह का निवेश नहीं करना चाहिए। वैसे भी क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर और जोखिम भरा निवेश होता है। ऐसे में निवेश से पहले कंपनी के बारे में उचित शोध कर लेना चाहिए, नहीं तो वो बड़ी ठगी का शिकार हो सकते हैं।