रहस्यमई तरीके से तांत्रिक ने ली 10 लोगों की जान, कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 30, 2018 04:43 PM2018-08-30T16:43:06+5:302018-08-30T16:43:06+5:30
खुशविंदर सिंह तांत्रिक बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। कोर्ट में खुशविंदर सिंह ने सभी हत्याएं कबूल ली है।
(रिपोर्ट- बलवंत तक्षक)
चंडीगढ़, 30 अगस्त: तांत्रिक उन्हें नहर किनारे ले जाता था। फिर उनकी आंखों पर पट्टी बांध देता। उन्हें दोनों हाथ जोड़ कर नमस्कार बोलने को कहता। फिर उन लोगों को नहर में धक्का दे देता। तांत्रिक उन लोगों के मरने के बाद उनकी धनराशि हड़प लेता। किसी तांत्रिक के इतना बेरहम होने का यह पहला ऐसा मामला था, जिसने उस पर विश्वास करने वालों को न केवल लूटा, बल्कि एक-एक कर 10 लोगों की जान भी ले ली। अदालत ने इस हत्यारे तांत्रिक को अब चार लोगों की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई है। इससे पहले इसे छह अन्य लोगों की हत्या के मामले में भी फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
इसका नाम खुशविंदर सिंह है। यह तांत्रिक बनकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। फांसी की सजा पाने वाले खुशविंदर ने सभी हत्याएं कबूल ली हैं। उसने 12 लाख रुपये के लालच में उस परिवार को मौत की नींद सुला दिया, जिससे वह अच्छी तरह घुला-मिला हुआ था। उसे यह बात पता थी कि परिवार ने अपनी जमीन बेची है और उसके पास 12 लाख रुपये आए हैं। रुपये पाने के लिए उसने हत्या की साजिश रची।
परिवार के सदस्यों को अपनी बातों में फंसा लिया और उन्हें भरोसा दिलाया कि पूजा के बाद उनकी रकम दोगुनी हो जाएगी। तांत्रिक की चालों से अनजान परिवार 12 लाख की रकम ले कर परिवार नहर किनारे पहुंच गया। इसके बाद कुलवंत सिंह, उसकी पत्नी हरजीत कौर, बेटी रमनदीप कौर व बेटे अरविंदर को तांत्रिक ने एक साथ लाइन में बिठा दिया और आंखें बंद कर पूजा करने के लिए कहा। फिर एक-एक कर सभी को नहर में धक्का दे दिया। यह चारों हत्याएं 3 जून, 2004 में हुई थीं। मृतक के साले कुलतार सिंह के बयानों पर पंजाब के बस्सी पठाना पुलिस थाने में पांच जून को केस दर्ज किया गया था। रमनदीप कौर और कुलवंत सिंह के शव नहर से निकाल लिए गए थे, लेकिन हरजीत कौर व उसके बेटे अरविंदर सिंह के शव आज तक बरामद नहीं हुए हैं।
इससे पहले अपनी पत्नी की मामी के परिवार के छह सदस्यों की भी यह तांत्रिक जान ले चुका है। वर्ष 2012 में उसने छह लोगों को नहर में धक्का दे कर मार डाला था। मरने वालों में पंजाब पुलिस के रिटायर्ड कांस्टेबल गुरमैल सिंह, परमजीत कौर, गुरिंदर सिंह, रुपिंदर सिंह, जसकीरत सिंह व प्रभसिमरन कौर शामिल थे। गुरमैल सिंह की बेटी जैसमीन कौर नहर में फंस जाने के कारण बच गई थी। जैसमीन कौर की शिकायत पर ही पुलिस ने आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार किया था। उसके पास से इस परिवार से हड़पे गए 36 लाख रुपये भी बरामद किये गए थे।
छह लोगों की हत्या में पकड़े गए आरोपी तांत्रिक खुशविंदर ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वर्ष 2004 में फतेहगढ़ साहिब में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या भी उसी ने की थी। उसने पूछताछ के दौरान सीबीआई को बताया था कि मृतक कुलवंत सिंह के परिवार ने 12 लाख की जमीन बेची थी और पैसे के लालच में उसने हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद फतेहगढ़ साहिब वाला यह केस दोबारा खोला गया।
चार लोगों की हत्या के मामले में शिकायतकर्ता कुलतार सिंह इस मामले की तह तक जाकर आरोपी को सजा करवाना चाहता था, इसलिए उसने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वर्ष 2009 में हाईकोर्ट ने केस को जांच के लिए सीबीआई की मोहाली ब्रांच को सौंप दिया। जांच के दौरान तांत्रिक ने हत्याएं करना स्वीकार कर लिया। इस मामले में भी अदालत ने अब तांत्रिक को फांसी की सजा सुना दी है। फांसी की सजा सुनाये जाने के बावजूद तांत्रिक के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी।