महात्मा गांधी के पुतले पर गोलियां बरसाने वाली हिंदू महासभा की महिला नेता समेत 13 लोगों पर केस दर्ज
By आदित्य द्विवेदी | Published: January 31, 2019 09:06 AM2019-01-31T09:06:38+5:302019-01-31T09:06:38+5:30
30 जनवरी को शहीद दिवस पर हिंदू महासभा के कुछ कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी के पुतले पर एयर पिस्टल से फायर किया था। कार्यकर्ताओं ने नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन करने की कोशिश की।
अलीगढ़ के नौरंगाबादा इलाके में महात्मा गांधी के पुतलने पर एयर पिस्टल से फायरिंग करने वाली महिला समेत 13 लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है। इनमें से दो लोग हिरासत में लिए गए हैं। अभी तक किसी को गिरफ्तार नही किया गया है जबकि पुलिस आरोपियो की धर पकड़ के लिये छापेमारी कर रही है।
अलीगढ़ के एएसपी नीरज जादों ने बताया कि बुधवार को हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने गोडसे द्वारा महात्मा गांधी को गोली मारने की घटना का रिहर्सल कर रहे थे। आईपीसी की संबंधित धाराओं में आठ नामजद और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने बताया कि बुधवार को गांधी की पुण्य तिथि के अवसर पर आज नौरंगाबाद इलाके के एक घर में हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने गांधी के पुतले पर एयर पिस्टल से गोलियां दागी। इसका वीडिया वायरल हो गया।
वीडियो वायरल होने के बाद हिन्दू महासभा की महिला नेता पूजा शकुन पांडेय समेत 13 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अभी तक किसी को गिरफ्तार नही किया गया है जबकि पुलिस आरोपियो की धर पकड़ के लिये छापेमारी कर रही है।
India: Hindu fascists (Hindu Mahasabha) celebrate the assassination of Gandhi by shooting his effigy and honoring his Hindu fascist killer yesterday. pic.twitter.com/9LDeNd41LP
— CJ Werleman (@cjwerleman) January 30, 2019
हिन्दू महासभा ने मनाया शौर्य दिवस
उत्तर प्रदेश के मेरठ में अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने आज के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर महासभा के कार्यकर्ताओं ने वीर सावरकर को नाथूराम गोडसे का राजनीतिक गुरु बताते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग भी की। महासभा के कार्यालय परिसर में एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को फूल-माला पहनाई।
इस मौके पर महासभा के नेता पंडित अशोक शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी के कारण ही देश का बंटवारा हुआ था और इस दौरान हुई हिंसा में 20 लाख से अधिक लोग मारे गये थे। अगर गोडसे ने गांधी की हत्या नहीं की होती तो देश को अनेकों विपतियों का सामना करना पड़ता। गौरतलब है कि महात्मा गांधी की हत्या करने के अपराध में गोडसे को 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई थी।