बुलंदशहर में हिंसा वाले दिन स्कूल में वक्त से पहले दिया गया मिडडे मील और की गई छुट्टी, जानें घटना से इसका कनेक्शन
By भाषा | Published: December 6, 2018 02:51 AM2018-12-06T02:51:42+5:302018-12-06T02:51:42+5:30
बुलंदशहर में कथित गोकशी की घटना को लेकर हुई हिंसा के दौरान एक पुलिस निरीक्षक और 20 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई थी। इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बुलंदशहर के चिंगरावठी गांव में स्थित प्राथमिक और जूनियर माध्यमिक विद्यालय में तीन दिसम्बर को 150 से अधिक छात्रों को समय से पहले पूर्वान्ह्न 11 बजकर 15 मिनट पर मध्यान्ह भोजन दे दिया गया था।
इसी गांव में तीन दिसम्बर के दिन 400 लोगों की भीड़ का पुलिस के साथ टकराव हुआ था।
बच्चों को जल्दी घर भेजने का दिया गया था आदेश
मुश्किल से 100 मीटर दूरी पर हो रहे तनाव के बारे में अनजान, यह उन बच्चों के लिए असामान्य था जिन्हें आमतौर पर स्कूल परिसर में अपराह्र 12.30 बजे भोजन दिया जाता था।
रसोइये और मध्यान्ह भोजन परोसने वाले राजपाल सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘उस दिन, हमें भोजन जल्द वितरित करने और बच्चों को घर भेजने के आदेश मिले थे।’’
स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं के 107 और जूनियर माध्यमिक के 66 बच्चें हैं
इस स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं के 107 और जूनियर माध्यमिक के 66 बच्चें हैं। स्कूल सुबह नौ बजे शुरू होकर अपराह्र तीन बजे तक चलता है।
प्राथमिक स्कूल के शिक्षक प्रभारी देशराज सिंह ने कहा,‘‘बच्चों को भोजन खिलाये जाने के बाद, उन्हें तुरंत घर भेज दिया गया।’’
सिंह दो शिक्षिकाओं और दो शिक्षामित्रों के साथ कक्षा एक से पांचवीं तक के छात्रों को पढ़ाते है। उमा रानी एक और शिक्षक के साथ कक्षा छह से आठवीं तक के छात्रों को पढ़ाती है। दोनों प्राथमिक और जूनियर माध्यमिक सेक्शनों का संचालन उसी स्कूल परिसर से होता है।
स्कूल में भेजा गया 11 बजे दिन में संदेश
सिंह ने कहा,‘‘ भीड़ असमान्य रूप से चिल्ला रही थी, यह अप्रत्याशित दिखाई दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी से सुबह 11 बजे एक संदेश पहुंचा था जिसमें कहा गया था स्थिति इज्तिमा (मुस्लिम समूह) के कारण अच्छी नहीं दिखती है और बच्चों को भोजन दें और उन्हें जल्द छोड़ दिया जाये।’’
बुलंदशहर में तीन दिवसीय इज्तिमा में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इसका आयोजन हिंसा स्थल से कुछ ही दूरी पर किया गया था। लेकिन स्कूल के निकट मुख्य सड़क वाहनों से जाम थी।
सिंह ने कहा कि बाहर (मेरठ) से आये शिक्षकों को भी जल्द जाने के लिए कहा गया था ताकि ऐसा न हो कि वे यातायात जाम में फंस जाये।
उन्होंने कहा कि सोमवार को स्कूल से हर कोई जल्दी चला गया था और बाद में जिला प्रशासन ने मंगलवार को सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिये।
जब बुधवार को स्कूल दोबारा खुले तो वहां कोई छात्र नहीं था और देशराज सिंह तथा उमा रानी ने अन्य स्टाफ के साथ उनका इंतजार किया।
रानी ने कहा,‘‘निश्चित रूप् से सोमवार से गांव में जारी तनाव के कारण ऐसा था।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि स्थिति में सुधार होगा और बच्चे स्कूल लौट आयेंगे।
बुलंदशहर में कथित गोकशी की घटना को लेकर हुई हिंसा के दौरान एक पुलिस निरीक्षक और 20 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई थी।
इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।