बुलंदशहर हिंसा: क्या यूपी पुलिस मुख्य आरोपी योगेश राज को देना चाहती है क्लीन चिट?
By पल्लवी कुमारी | Published: December 7, 2018 06:14 AM2018-12-07T06:14:41+5:302018-12-07T06:14:41+5:30
बुलंदशहर हिंसा: यूपी पुलिस ने दावा किया था कि महाव गांव के खेतों से जो गोवंश मिले थे, वह करीब दो दिन पुराना थे। वहीं मुख्य आरोपी योगेश राज की एफआईआर को सही मानें तो गौहत्या तीन दिसंबर की सुबह ही मौके पर किया जा रहा था।
बुलंदशहर हिंसा में गोकशी की घटना को लेकर यूपी पुलिस के दावे और बजरंग दल मुख्य आरोपी योगेश राज के खिलाफ दर्ज एफआईआर काफी अलग है। दोनों बातों में विरोधाभास दिख रहा है। इसके बाद से ही यूपी पुलिस के जांच पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस केस की सीबीआई जांच की भी मांग की जा रही है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यूपी पुलिस दावा कुछ और कर रही है और एफआईआर में कुछ और ही दर्ज है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी पुलिस के अफसर मुख्य आरोपित के हिंदू संगठन से जुड़े होने की बात कहने और उसे क्लीन चिट देने की जल्दबाजी में दिख रहे हैं। बता दें कि डीजीपी मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी क्राइम एस. के. भगत ने बुधवार तक के जांच के आधार पर दावा किया था कि महाव गांव के खेतों से जो गोवंश मिले थे, वह करीब दो दिन पुराना थे। वहीं मुख्य आरोपी योगेश राज की एफआईआर को सही मानें तो गौहत्या तीन दिसंबर की सुबह ही मौके पर किया जा रहा था।
एफआईआर और यूपी पुलिस के दावे दोनों में विरोधाभास
योगेश राज की शिकायत पर दर्ज पहली प्राथमिकी में कहा गया, “सुबह करीब नौ बजे हम (योगेश राज, शिखर कुमार, सौरभ आदि) घूमते-घूमते महाव गांव के जंगल पहुंचे। वहां हमने सुदैफ चौधरी, इल्यास, शराफत अनस, साजिद, परवेज, सर्फुद्दीन (नया बांस गांव के निवासी) आदि को गाय काटते देखा और जैसे ही हमने चिल्लाना शुरू किया वे वहां से भाग गए।
प्राथमिकी में इसमें कहा गया, “सूचना देने पर स्याना थाने की पुलिस एवं स्याना के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। ऊपर जिन लोगों का जिक्र किया गया है वे नृशंस तरीके से गाय काट रहे थे जिससे हमारी हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत हो गईं।”
हिंसा के करीब 50 घंटे बाद तथा राज समेत कई आरोपियों के फरार होने के बाद उसके बयान के साथ एक कथित वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें उसने कहा कि पुलिस उसे ‘हिस्ट्री शीटर’ के तौर पर पेश कर रही है।
सोमवार की घटना का संदर्भ देते हुए वह वीडियो में कह रहा है, “उस दिन दो घटनाएं हुईं थी।”
उसने कहा, “पहली घटना स्याना के पास महाव गांव में गोकशी से जुड़ी हुई है। मुझे जब इसकी सूचना मिली तो मैं अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा। पुलिस भी वहां पहुंची। बाद में हम लोग स्याना थाने में शिकायत दर्ज कराने आए।’’
कथित वीडियो में योगेश ने दावा किया है कि जब वे लोग शिकायत दर्ज करा रहे थे, उसी समय उन्हें पथराव और गोलीबारी होने की खबर मिली।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीपी मुख्यालय और बुलंदशहर के पुलिस दो बातों की ओर इशारा कर रही है। पहले तो घटना वाले दिन डीजीपी मुख्यालय की ओर से कहा गया है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत पथराव के कारण हुई है। लेकिन अगले ही पल गोली से मरने की बात कही गई। वहीं ।
आईजी रेंज मेरठ ने कहा था कि जांच में फिलहाल बजरंग दल के कार्यकर्ता योगेश राज की कोई भूमिका नहीं पाई गई है लेकिन सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें योगेश को देखा जा सकता है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)