बौद्ध भिक्षु मेडिटेशन कैंप में बच्चों से करवाते थे न्यूड डांस, जांच में मिले ये अहम सबूत
By एस पी सिन्हा | Published: September 1, 2018 06:32 PM2018-09-01T18:32:53+5:302018-09-01T18:32:53+5:30
पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेड़िटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं का यौन शोषण किया जाता था। वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड़ ड़ांस कराया जाता था।
पटना,1 सितंबर:बिहार के बोधगया स्थित प्रसन्ना ज्योति बुद्धिस्ट नविस स्कूल एंड मेड़िटेशन सेंटर में मासूम बच्चों के साथ हैवानियत की हद पार हो गई थी। पुलिस के अनुसार, एफएसएल की टीम ने आरोपित बौद्ध भिक्षु के कमरे से गमछा, बेड़शीट और एक कमर में बंधने वाला पट्टा बरामद किया जो खून से सना था। बौद्ध धर्म की शिक्षा देने के नाम पर असम व त्रिपुरा के छात्रों को रखा जाता था और इसी क्रम में बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार उत्पीड़न का मामला सामने आया।
पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेड़िटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं का यौन शोषण किया जाता था। वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड़ ड़ांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर देश के उत्तरपूर्वी राज्यों से लाया जाता था। बाल भिक्षुओं को यहां से कोलकाता और अन्य जगहों पर घूमाने ले जाया जाता था और अप्राकृतिक यौनाचार के लिए प्रताड़ित किया जाता था। पुलिस को एक भंते की तलाश बोधगया मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था में असम और त्रिपुरा से अच्छी शिक्षा देने के नाम पर एक बौद्ध भंते छात्रों को लाया करता था। जो फिलहाल बोधगया से बाहर है। पुलिस को उसकी तलाश है। पुलिस का मानना है कि उससे और खुलासा हो सकता है। बोधगया में छात्रों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार का मामला सामने आने के बाद असम पुलिस गंभीर हो गई है। असम से पुलिस कि एक टीम बोधगया आई है। वहां की पुलिस भी इस मामले की पड़ताल कर रही है।
वहीं, इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे बोधगया में तैनात एएसपी रमन कुमार चौधरी ने बताया कि बरामद साक्ष्य के साथ एसएफएल की टीम लौट गई है। उसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रजना ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड़ मेड़िटेशन सेंटर की जांच सभी बिंदुओं पर कर रही है। संस्था में फंड़िंग कहां से होती थी? यहां छात्रों को कौन लाता था और इस संस्था से कौन कौन लोग जुड़े हैं? सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है। बांग्लादेश से किसी मामले में फरार है भन्ते संघ प्रियाछात्रों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार का आरोपितप्रजना सोशल वेलफेयर संस्था के संचालक बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय बंगलादेशी है। सूत्रों के अनुसार, वह बंगलादेश से कई वर्षों से फरार है। इसके बाद से वहां से भाग कर कोलकता आ गया। वहां से साल 2001 में बोधगया पहुंचा। बोधगया स्थित बंगलादेश मंदिर में छह माह रहा। उसके बाद भागलपुर गांव में उसने एक किराए का मकान लिया। सूत्रों के अनुसार, उसने पहले वीजा व पासपोर्ट बनवाया। इसके बाद उसने फर्जी तरीके से हिन्दुस्तान की नागरिकता भी हासिल कर ली। बोधगया में चार साल पहले संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया।
बताया जाता है कि कुछ बच्चे थोड़ी-बहुत हिंदी समझते थे, उन्होंने जांच टीम को जो भी बताया वह हैवानियत की पराकाष्ठा थी। खुद को भिक्षु बताने वाला सुजॉय उन बच्चों को गिरफ्त में ले चुका था। वह उन्हें हर दिन बारी-बारी से कमरे में बुलाता था। जो इन्कार करता था, उसके साथ मारपीट की जाती थी। सिविल सर्जन के निर्देश पर जयप्रकाश नारायण अस्पताल में बच्चों की मेड़िकल जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी। एक डॉक्टर ने बताया कि बच्चों के साथ गलत हरकत के संकेत मिले हैं। वहीं, एसएसपी राजीव मिश्र ने बताया कि संस्था में लगे सीसीटीवी को जब्त कर लिया गया है। फुटेज को जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया है। आज सभी बच्चों का कोर्ट में बयान कराया गया है। अनुसंधान अभी प्रारंभिक स्टेज में है, पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। अन्य मठों की जांच के सवाल पर कहा कि पुलिस के दायरे में सभी मठों की जांच करने का प्रावधान नहीं है। अन्य विभाग इसकी जांच करेंगे।