भीमा कोरेगांव केस: बॉम्बे हाई कोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी पर लगाई 26 अक्टूबर तक रोक

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 19, 2018 04:55 PM2018-10-19T16:55:43+5:302018-10-19T17:08:19+5:30

आनंद तेलतुंबड़े प्रसिद्ध दलित विचारक हैं। वो डॉक्टर बीआर आंबेडकर के लेखन और दर्शन के आधिकारिक विद्वान माने जाते हैं।

Bombay High Court stay arrest of anand teltumbde till 26 october in pune bhima koregaon case | भीमा कोरेगांव केस: बॉम्बे हाई कोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी पर लगाई 26 अक्टूबर तक रोक

आनंद तेलतुंबड़े प्रसिद्ध दलित विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता और दलित बुद्धिजीवी आनंत तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी पर 26 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी है। महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने आनंद तेलतुंबड़े पर माओवादियों से संबंध होने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

आनंद तेलतुंबड़े प्रसिद्ध दलित विचारक हैं। वो डॉक्टर बीआर आंबेडकर के लेखन और दर्शन के आधिकारिक विद्वान माने जाते हैं।  

आनंद तेलतुम्बड़े के भाई मिलिंद तेलतुम्बड़े प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के वरिष्ठ सदस्य हैं।

पुणे पुलिस ने इस साल 1 जनवरी को पुणे के भीमा कोरेगांव युद्ध की वर्षगांठ के बाद हुई हिंसा में कई बुद्धिजीवियों को हिरासत में लिया है।

पुणे पुलिस ने देश के विभिन्न शहरों में एक साथ छापा मारकर सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवर राव, अरुण फरेरा और वरनन गोंसाल्विस को गिरफ्तार कर लिया था।

सुप्रीम कोर्ट सभी आरोपियों को मामले पर अंतिम फैसले तक उनके घरों में नजरबंद रखने का आदेश दिया था। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट गौतम नवलखा की नजरबंदी खत्म करने का आदेश दिया था।

इन बुद्धिजीवियों को सोशल मीडिया पर "अर्बन नक्सल" (शहरी नक्सल) कहकर काफी ट्रॉल किया गया। वहीं बहुत सारे यूजर्स ने इस टैग का खिलाफ "मी टू अर्नबन नक्सल" हैशटैग से विरोध जताया था। 

क्या है भीमा कोरेगांव केस?

महाराष्ट्र पुलिस ने पिछले साल 31 दिसंबर को हुए एलगार परिषद सम्मेलन के बाद दर्ज की गई एक प्राथमिकी के सिलसिले में 28 अगस्त को इन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इस सम्मेलन के बाद राज्य के कोरेगांव - भीमा में हिंसा भड़की थी।

पुणे पुलिस ने दावा किया कि माओवादियों ने पीएम नरेंद्र मोदी की आत्मघाती हमलावर से हत्या करवाने की योजना पर भी विचार किया था।

पुलिस ने इस मामले में तेलुगू कवि वरवर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वरनन गोंजाल्विस, मजदूर संघ कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को आोरपी बनाया।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा पीएम मोदी की हत्या की साजिश के दावे को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। 



 

English summary :
Koregaon Bhima violence case: Bombay High Court on Friday told not to arrest the human rights activist and Dalit intellectual Anand Teltumbde. Maharashtra's Pune Police filed a case against Anand Teltumbde for allegedly having links with the Maoists. Anand Teltumbde is the famous Dalit intellectual.


Web Title: Bombay High Court stay arrest of anand teltumbde till 26 october in pune bhima koregaon case

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