बिहारः सीतामढ़ी पुलिस ने दो युवकों को पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट, मेडिकल रिपोर्ट में हुआ खुलासा
By एस पी सिन्हा | Published: March 8, 2019 05:15 PM2019-03-08T17:15:28+5:302019-03-08T17:15:28+5:30
20 फरवरी को सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे पर प्रेमनगर के पास लुटेरों ने मुजफ्फरपुर निवासी एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के बाद उसकी बाइक लूट ली थी. इस मामले में मंगलवार की रात सीतामढ़ी की डुमरा पुलिस ने पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना क्षेत्र के रमडीहा गांव से गुफरान और तस्लीम को गिरफ्तार किया था.
बिहार के सीतामढ़ी में दो युवकों की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में आये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आ गया है. उन दोनों युवकों के मौत का कारण पुलिस टॉर्चर साबित हो गया है. शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड ने यह रिपोर्ट सीतामढ़ी के जिलाधिकारी को सौप दी है.
उल्लेखनीय है कि 20 फरवरी को सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे पर प्रेमनगर के पास लुटेरों ने मुजफ्फरपुर निवासी एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के बाद उसकी बाइक लूट ली थी. इस मामले में मंगलवार की रात सीतामढ़ी की डुमरा पुलिस ने पूर्वी चंपारण जिले के चकिया थाना क्षेत्र के रमडीहा गांव से गुफरान और तस्लीम को गिरफ्तार किया था.
पूछताछ के दौरान दोनों की पिटाई की गई. हालत बिगड़ने पर बुधवार की शाम दोनों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. दोनों की मौत का कारण परिजनों ने पुलिस टॉर्चर बताया.
परिजन पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग पर अड़े थे. वे शव लेने से इंकार कर सदर अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गए थे. इसी बीच मुजफ्फरपुर के आइजी नैयर हसनैन खान ने बुधवार देर रात डुमरा थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
जबकि डीआइजी रवींद्र कुमार रात डेढ़ बजे सदर अस्पताल पहुंचे थे और पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शवों को परिवार वालों को सौंप दिया. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने शवों के साथ पूर्वी चंपारण के चकिया में सड़क जाम कर दिया. इस बीच पुलिस लीपापोती की कोशिश में लगी रही.
पुलिस ने हिरासत में युवकों के साथ ज्यादती से इनकार किया. लेकिन मामले ने तूल पकड़ लिया. गुरुवार को डीआइजी रवींद्र कुमार ने मामले की जांच की. इसके बाद निलंबित डुमरा थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह समेत आठ पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस बीच सभी आरोपित फरार हो गए.
चर्चा है कि आरोपित पुलिसकर्मियों को रून्नीसैदपुर थाने में हिरासत में रखा गया था, जहां से वे भाग निकले. हालांकि, डुमरा के नए थानाध्यक्ष नवलेश कुमार आजाद और रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष भूदेव दास ने इससे इंकार किया.
वहीं, आज मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले पर से पर्दा को हटा दिया है. मेडिकल टीम ने जिलाधिकारी को जो रिपोर्ट सौंपी, उसके अनुसार मौत के पहले दोनों युवकों को यातनाएं दी गईं थीं. अब इस रिपोर्ट के बाद पुलिस की ज्यादती की पोल खुल गई है और सभी अधिकारी कुछ भी कहने से बचते दिख रहे हैं.